जानिए किन-किन राज्यों में सरकारें तीर्थयात्रियों को यात्रा के लिए देती हैं सब्सिडी
नई दिल्ली। हाल ही में जिस तरह से केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हज यात्रा पर जाने वाले हाजियों को सब्सिडी देने पर रोक लगाई है उसके बाद से कई धार्मिक यात्राओं पर सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी पर सवाल खड़े होने लगे हैं। हज यात्रा पर सब्सिडी को खत्म किए जाने के बाद कई राज्यों में अभी सरकारें धार्मिक यात्रा पर जाने वालों को सब्सिडी देती हैं, वरिष्ठ नागरिकों के खर्च को भी वहन करती हैं। आईए डालते हैं तमाम राज्यों में सरकार की ओर से धार्मिक यात्रा पर जाने वाले लोगों को दी जाने वाली सब्सिडी पर।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना
इस योजना के अंतर्गत सरकार ने 2012 में यह योजना शुरू की थी, जिसमे तीर्थयात्रियों को रामेश्वरम भेजा जाने लगा। यह योजना उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए हैं जो आयकर नहीं देते हैं, इस योजना के तहत हर वर्ष एक लाख लोग रामेश्वर जाते हैं। पहले वर्ष 89000 यात्रियों को भेजा गया, जिसमें 51 जिलों से लोगों ने हिस्सा लिया। इन लोगों को ट्रेन से बद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथ पुरी, द्वारका, वैष्णो देवी, गया, हरिद्वार, शिरडी, तिरुपती, अजमेर शरीफ, काशी, सम्मद शिखर, श्रावण वेलागोला और वैलनकन्नी चर्च भेजा जाता था। यही नहीं भाजपा सरकार ने यहां सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान में ननकाना साहेब, हिंगलाज माता मंदिर, चीन में मानसरोवर यात्रा, कंबोडिया में अंकोरवाट, श्रीलंका में सीता मंदिर और अशोक वाटिका की यात्रा पर जाने के लिए 30000 रुपए या 50 फीसदी खर्च जो कम हो देने का फैसला लिया।
दिल्ली सरकार की योजना
दिल्ली सरकार ने भी मुख्यमंत्री तीर्थ योजना के अंतर्गत 1100 वरिष्ठ नागरिकों के लिए हर विधानसभा सीट पर यह योजना शुरू की । इसके तहत 77000 तीर्थयात्री मुफ्त में एसी बस से मथुरा, वृंदावन, आगरा, हरिद्वार, रिषिकेश, नीलकंठ, अजमेर, पुष्कर, वाघा, आनंदवन साहिब, वैष्णो देवी या जम्मू जा सकते हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी की आय 3 लाख रुपए सालाना से अधिक नहीं होनी चाहिए और ना ही सरकारी कर्मचारी होना चाहिए। इस योजना के तहत 2 लाख रुपए का बीमा व खाना, रहना मुफ्त की व्यवस्था है।
उत्तर प्रदेश में दोहरी सब्सिडी
कैलाश मानसरोवर यात्रा व सिंधू दर्शन यात्रा के लिए यूपी सरकार सब्सिडी देती है। इसके लिए पहले 100 आवेदकों को सिंधू दर्शन के लिए 2015 से 10000 रुपए दिए जाने की शुरुआत की गई थी। मानसरोवर यात्रा के लिए पिछले वर्ष योगी सरकार ने 50000 रुपए की राशि को 100000 रुपए कर दिया। सपा सरकार की श्रवण यात्रा पर रोक लगा दी गई।
उत्तराखंड में हिंदू-मुसलमानों को सब्सिडी
2014 में कांग्रेस सरकार ने मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ नाम की योजना शुरू की थी, इसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को गंगोत्री, बद्रीनाथ और रीठा मीठा साहिब के लिए सब्सिडी की योजना शुरू की। साथ ही दिल्ली निजामुद्दीन दरगाह की भी शुरुआत की गई थी हालांकि इसे बंद कर दिया गया था। 2017 में भाजपा की सरकार आने के बाद इस योजना का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल मातृ-पितृ तीर्थाठन योजना कर दिया गया और इसमे हरिद्वार की पीरन कलियार दरगाह को भी शामिल किया गया। पर्यटन विभाग के अनुसार 12343 लोगों को इस योजना का लाभ 2014-2017 के बीच दिया गया, जिसके तहत कुल 374.24 लाख रुपए 2015-16 में, 124.69 लाख रुपए 2016-17 में खर्च किए गए। कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए राशि को बढ़ाकर इस वर्ष 30000 रुपए कर दिया गया है।
हिमाचल में जल्द शुरू होगी योजना
भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में वायदा किया है कि वह चार धाम यात्रा के लिए सब्सिडी मुहैया कराएगी। प्रदेश के अडिशनल मुख्य सचिव मनीषा नंदा ने बताया कि पार्टी के विजन डॉक्युमेंट को नीति के तौर पर अपनाया जाएगा। हम इसे लागू करने के लिए खाका तैयार कर रहे हैं। इस विजन डॉक्युमेंट में इस बात का भी वायदा किया गया है कि वरिष्ठ नागरिकों को देव भूमि की मुफ्त यात्रा कराई जाएगी।
हरियाणा में 2 यात्रा और 100 यात्री
मौजूदा हरियाणा सरकार 50 वरिष्ठ नागरिकों को सिंधू दर्शन यात्रा के लिए लदाख भेजती है, जिसमे हर यात्री को 10000 रुपए दिए जाते हैं, जबकि अन्य 50 तीर्थयात्रियों को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 50000 रुपए मुहैया कराए जाते हैं। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों ही यात्राओं के लिए पांच लाख व 25 लाख रुपए का आवंटन 2016017 के लिए किया गया है
राजस्थान में भी है योजना
वर्ष 2013 में कांग्रेस सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेल यात्रा की सुविधा मुहैया कराने की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत 41390 यात्रियों को 2013-14 में, 6914 तीर्थयात्रियों को 2014-15 में व 8710 तीर्थयात्रियों को 2015-16 में लाभ मिला। इस योजना का नाम बदलकर भाजपा सरकार में दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना कर दिया था, जिसमे तीर्थयात्रियों को हवाई यात्रा की भी सुविधा दी जाने लगी। साथ ही 13 अन्य तीर्थ स्थलों को इसमे शामिल किया गया, जिसमे तिरुपति, रामेश्वरम, सम्मेड शिखर, जगन्नाथ मंदिर, वैष्णो देवी को भी शामिल किया गया। इस योजना पर राज्य सरकार ने कुल 125.50 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
गुजरात में नई योजनाओं की भी शुरुआत
प्रदेश में कैलाश मानसरोवर यात्रा की योजना 2001 से चल रही है, इसके साथ ही सिंधु दर्शन और श्रावण तीर्थदर्शन की शुरुआत इस वर्ष की गई है। कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए कुल 23000 रुपए की मदद दी जाती है। इस योजना का लाभ 1750 लोगों को हुआ है जिसमे कुल 4.02 करोड़ रुपए खर्च हुए है। चार दिन की सिंधु दर्शन यात्रा जोकि लेह लद्दाख से होते हुए तिब्बत जाती है, इसके लिए सरकार की ओर से 200 तीर्थयात्रियों को 15000 रुपए दिए जाते हैं।
कर्नाटक में पांच करोड़ रुपए की योजना
कर्नाटक में चार धाम यात्रा के लिए लोगों को एक बार में 20000 रुपए की मदद दी जाती है, हर वर्ष इसके लिए 1000-1500 लोगों का चयन किया जाता है। इस योजना की शुरुआत कांग्रेस सरकार ने 2014 में की थी। इससे पहले भाजपा सरकार ने मानसा सरोवर योजना की शुरुआत की थी, जिसके अंतर्गत तीर्थयात्रियों को 30000 रुपए की मदद दी जाती थी।
तमिलनाडु में मानसरोवर व येरूशलम के लिए सब्सिडी
तमिलनाडु सरकार ईसाई तीर्थयात्रियों को येरूशलम की यात्रा के लिए, हिंदुओं को मुक्तिनाथ व कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सब्सिडी देती है, इसकी शुरुआत 2012 में की गई थी। शुरुआती प्रस्ताव के अनुसार राज्य सरकार ने मानसरोवर यात्रा के लिए एक लाख रुपए में से 40 हजार रुपए के खर्च को वहन करने का फैसला लिया था, साथ ही नेपाल के मुक्तिनाथ की यात्रा के लिए 10000 रुपए की मदद का ऐलान किया था। लेकिन पिछले वर्ष जुलाई माह में इसका लाभ 1000 यात्रियों को दिया जाने लगा और इसपर 1.25 करोड़ रुपए के बजट को भी बढ़ा दिया गया। वहीं येरूशलम की यात्रा के लिए 2012 में 500 तीर्थयात्रियों को 20000 रुपए की मदद की शुरुआत की गई। सरकार ने इसके लिए दो वर्ष के लिए 2 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया
ओडिशा में जरूरतमंदों को मदद
ओडिशा सरकार ने वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत 2016 में की थी और इसके लिए 2016-17 में 5 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था, इसके तहत वरिष्ठ नागरिक जोकि गरीबी रेखा से नीचे हैं उन्हें 100 फीसदी सब्सिडी, बीपीएल कैटेगरी से उपर के लोगों को 50 फीसदी की मदद का ऐलाान किया गया।
असम में भी है तीर्थयात्रियों के लिए योजना
असम सरकार ने धर्मज्योति योजना की शुरुआत की इसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को 20 लोगों के ग्रुप में अलग-अलग तीर्थस्थलों पर जाने के लिए सब्सिडी की शुरआत कांग्रेस सरकार के कार्यक्रम में 2004-5 में की गई थी। इससे 2011-12 में 1.33 लाख लोगों को इसका लाभ हुआ। 2016-17 में 3 करोड़ रुपए का आवंटन इस योजना के लिए किया गया है।
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