यूपी ही नहीं देश के इन 5 राज्यों की सरकारें भी भरती हैं CM और मंत्रियों का इनकम टैक्स
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अलावा देश में ऐसे पांच राज्य और है जहां मुख्यमंत्री और मंत्रियों का टैक्स सरकारी खजाने से भरा जा सकता है। हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया में एक रिपोर्ट छपी थी, जिसमें ये बाद सामने आई थी कि साल 1981 से यूपी की सरकारें अपने मंत्रियों और मुख्यमंत्री का टैक्स सरकारी खजाने से भर रही हैं। साल 1981 में यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीपी सिंह ने मंत्रियों के गरीब होने का हवाला देकर ये कानून बनाया था। यूपी के अलावा मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश,छत्तीसगढ़, हरियाणा और उत्तराखंड सरकारी खजाने से अपने मंत्रियों का टैक्स भरते हैं।
ये राज्य भी करते हैं वहन
पंजाब में राज्य के खजाने से मार्च 2018 तक सीएम, मंत्रियों के वेतन, भत्तों पर लगने वाले इनकम टैक्स का भुगतान किया जाता था। पंजाब के मौजूदा सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ईस्ट पंजाब मिनिस्टर्स सैलरीज एक्ट, 1947 में संशोधन करके इसे बंद कर दिया। वहीं हरियाणा और हिमाचल प्रदेश साल 1966 से ये खर्च वहन कर रहा है, ये दोनों राज्य पंजाब से अलग हुए हैं। वहीं मध्यप्रदेश में राज्य के सरकारी खजाने से मंत्रियों के अलावा संसदीय सचिवों के इनकम टैक्स का भुगतान किया जाता है। 1 अप्रैल 1994 से राज्य सरकार इसे वहन करती आ रही हैं।
उत्तराखंड में भी सरकार भरती है टैक्स
उत्तराखंड 9 नवंबर 2000 के बनने के बाद से अपने सीएम, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विपक्ष के नेता का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से ही भर रहा है। ये हिमालयी राज्य साल 2000 में यूपी अलग हुआ था। साल 2000 के बाद से सरकारी खजाने से 8 मुख्यमंत्रियों और अन्य लोगों का टैक्स माफ किया। वहीं सोमवार को उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संकेत दिए कि वो इस मामले पर यूपी सरकार को फॉलो करते हुए इसे खत्म कर सकते हैं।
योगी आदित्यनाथ करेंगे संशोधन
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया था कि वो इस एक्ट के विवादित प्रावधानों में संशोधन करेंगे। योगी आदित्यनाथ सरकार अब इस प्रस्ताव को विधानसभा में पेश करेगी। अब देखना होगा कि सरकारी खजाने पर पड़ने वाले बोझ को कम करने के लिए अन्य राज्य का क्या फैसला लेते हैं।