स्पीड से ज्यादा स्पीड ब्रेकर से होती है मौतें, भारत में हर रोज मरते हैं 10 लोग
2015 की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश का हाल सबसे बुरा है। वर्ष 2015 में मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में करीब 6073 मौतों की वजह स्पीड ब्रेकर ही थे।
नई दिल्ली। वैसे तो स्पीड कम करने के लिए स्पीड ब्रेकर बनाया गया ताकि लोगों की सुरक्षा हो सके। लेकिन अब यही ब्रेकर लोगों की जान ले रहा है। जी हां सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें स्पीड ब्रेकर के कहर को दर्शाया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में स्पीड ब्रेकर से रोजाना 10 लोगों की मौत होती है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2015 के दौरान देश भर में करीब 11000 लोगों की जान सड़क हादसों में गई, जिसमें से करीब 3409 मौतों की वजह स्पीड ब्रेकर थे।
2015 की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश का हाल सबसे बुरा है। वर्ष 2015 में मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में करीब 6073 मौतों की वजह स्पीड ब्रेकर ही थे। यह इस दौरान हुए हादसों का करीब पचास फीसद है। अकेले यूपी, तमिलनाडु और कर्नाटक में ही इस दौरान करीब 1794 मौतों के पीछे भी स्पीड ब्रेकर ही थे। अकेले यूपी में ही वर्ष 2014 में 1753 और 2015 में 990 मौत स्पीड ब्रेकर की वजह से हुई थीं। इसे भी पढ़ें- एक और खुलासा: दिल्ली के इसी स्कूल में सीनियर्स ने दो और लड़कियों के उतरवा दिए थे कपड़े
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB के मुताबिक वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश के अंदर 2014 के मुकाबले कम एक्सीडेंट और मौत हुई हैं। ऐसा ही कुछ ट्रेंड बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात और कर्नाटक में भी देखने को मिलता है। सड़क हादसे या फिर यूं कहें कि स्पीड ब्रेकर को लेकर बनाई गई सरकारी एजेंसी इंडियन रोड कांग्रेस के मुताबिक देश भर में बने स्पीड ब्रेकर में से ज्यादातर में नियमों की अनदेखी की गई है। उनके मुताबिक जो स्पीड ब्रेकर ट्रकों के लिहाज से सही होते हैं वह मोटरसाइकिलों के लिए सही नहीं होते हैं ओर जो मोटरसाइकिलों के लिए ठीक होते हैं वह ट्रंकों के लिहाज से सही नहीं होते हैं।