उत्तर कोरिया में कोरोना नियम तोड़ने पर शख्स को मौत की सज़ा, खुलेआम मारी गोली
नई दिल्ली। उत्तर कोरिया में तानाशाह किम जोंग उन अपने क्रूर शासन और सज़ा देने के खौफनाक तरीकों के लिए कुख्यात है। अब इसी कुख्यात तानाशाह के शासन में एक खौफनाक घटना सामने आई है जहां एक शख्स को कोरोना वायरस के लिए बनाए गए नियम तोड़ने के लिए मौत की सज़ा सुनाई गई। इसके लिए जो तरीका अपनाया गया वो और भी खौफनाक था। सजा देने के लिए शख्स को खुलेआम गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया।
डेली मेल की खबर के मुताबिक एक व्यक्ति पर उत्तर कोरिया और चीन सीमा के जरिए स्मग्लिंग करने का आरोप था। उसे बीते 28 नवम्बर को खुलेआम गोली मारकर मौत की सज़ा दी गई। ऐसा इसलिए किया गया ताकि लोगों को कोरोना वायरस के लिए बनाए सख्त नियमों को तोड़ने को लेकर डर पैदा किया जा सके।
सेना
को
दिया
है
सख्त
आदेश
उत्तर
कोरिया
ने
कहा
है
कि
उसके
यहां
एक
भी
कोरोना
वायरस
का
केस
नहीं
है।
यही
वजह
है
कि
किम
जोंग
उन
ने
देश
में
बहुत
ही
सख्त
क्वारंटीन
नियम
लागू
कर
रखे
हैं।
यही
नहीं
उन्होंने
सेना
को
आदेश
दे
रखा
है
कि
सीमा
पर
घुसपैठ
करने
वालों
को
देखते
ही
गोली
मार
दी
जाए।
हालांकि
उत्तर
कोरिया
भले
ही
देश
में
एक
भी
केस
न
होने
का
दावा
करता
हो
लेकिन
अभी
हाल
ही
में
खबर
आई
थी
कि
खुद
किम
जोंग
उन
और
उनके
कई
सहयोगियों
और
परिवार
के
सदस्यों
ने
चीन
की
मदद
से
कोरोना
वैक्सीन
की
डोज
ली
थी।
लोगों
में
डर
पैदा
करने
के
लिए
सज़ा
सूत्रों
के
मुताबिक
बॉर्डर
क्षेत्र
में
रहने
वाले
लोगों
में
डर
फैलाने
के
लिए
इस
शख्स
को
खुलेआम
मौत
की
सज़ा
दी
गई।
क्योंकि
इस
इलाके
में
लोगों
का
सीमा
पार
से
कई
लोगों
से
संपर्क
हो
रहा
था।
बता
दें
कि
जिस
इलाके
में
ये
सज़ा
दी
गई
है
वहां
पर
स्मग्लिंग
के
लिए
लोग
बॉर्डर
के
आर-पार
होते
रहते
हैं
जिससे
किम
प्रशासन
को
डर
है
कि
ऐसे
लोग
देश
में
कोरोना
भी
ला
सकते
हैं।
इसलिए
नियमों
को
बेहद
ही
सख्त
कर
दिया
गया
है।
यही
नहीं
प्योंगयांग
ने
स्पेशल
यूनिट
को
सीमा
पर
भेजा
है
जो
वहां
तैनात
सैनिकों
की
भी
जांच
करेगी
कि
कहीं
वे
तो
स्मग्लिंग
में
तो
नहीं
शामिल
हैं।
तस्करी
का
आरोप
मौत
की
सजा
पाए
व्यक्ति
पर
अपने
चीनी
बिजनेस
पार्टनर
के
साथ
मिलकर
सीमा
पार
से
तस्करी
करने
का
आरोप
है
जो
कि
साल
2020
में
अधिकांश
समय
बंद
ही
रहा
है।
उत्तर कोरिया शासन अपने खिलाफ नाराजगी को दबाने के लिए सार्वजनिक रूप से मौत की सजा देने के लिए मशहूर रहा है। एक सूत्र ने बताया कि "जब भी लोग शिकायत करते हैं या सरकार के सख्त कानूनों के खिलाफ होने की कोशिश करते हैं तो अधिकारी उन्हें रोकने के लिए ऐसी सजाएं सार्वजनिक रूप से देकर या फिर जेल शिविरों में भेजकर इनका दमन करते हैं। उत्तर कोरिया में स्वतंत्र मीडिया न होने से वहां से दमन की खबरें आसानी से बाहर आ पाना संभव नहीं होता है।
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