अब 'Pride Station' के नाम से जाना जाएगा नोएडा सेक्टर 50 मेट्रो स्टेशन, ट्रांसजेंडर करेंगे संचालन
नोएडा। नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एनएमआरसी) ने मंगलवार को अपने एक मेट्रो स्टेशन का नाम आधिकारिक तौर पर बदल दिया है। अब नोएडा 50 मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर 'प्राइड स्टेशन' कर दिया गया है। जो ट्रांसजेंडर समुदाय को समर्पित है। यह उत्तर भारत का इस तरह का पहला मेट्रो स्टेशन है। खास बात ये है कि यहां का संचालन भी ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग ही करेंगे। गौतम बौद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा, नोएडा के विधायक पंकज सिंह और एनएमआरसी की प्रबंध निदेशक रितु माहेश्वरी ने स्टेशन के नए नाम का अनावरण किया है, जिसे पहले सेक्टर 50 स्टेशन के रूप में जाना जाता था।
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तैनाती से पहले प्रशिक्षण प्रदान किया गया
मेट्रो स्टेशन पर सेवाओं के लिए एनएमआरसी द्वारा भर्ती किए गए ट्रांसजेंडर समुदाय के छह सदस्य स्टेशन पर मौजूद रहे। इस दौरान एनएमआरसी की कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस की डिप्टी जनरल मैनेजर संध्या शर्मा ने कहा, इन सदस्यों को तैनाती से पहले एनएमआरसी द्वारा आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। पश्चिमी यूपी में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो का संचालन करने वाले एनएमआरसी ने कहा कि ये उत्तर भारत में मेट्रो नेटवर्क द्वारा शुरू की गई इस तरह की पहली पहल है।
पहले 'शी-मैन' और 'रेन्बो' जैसे नामों पर हुआ था विचार
ऑपरेटर ने कहा, 'ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को कार्य में शामिल करने और उनकी सार्थक भागीदारी के लिए एनएमआरसी ने ये कदम उठाया है। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 4.9 लाख ट्रांसजेंडर हैं, जिनमें से लगभग 35,000 एनसीआर में रह रहे हैं। वर्तमान में ये संख्या कई गुना तक बढ़ सकती है।' ये पहल ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 से प्रेरित है, जो ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए केंद्र द्वारा पारित किया गया था और उनके कल्याण के लिए काम कर रहा है। इससे पहले जून 2019 में घोषणा की गई थी कि इस मेट्रे स्टेशन का नाम 'शी-मैन' होगा। बाद में ये फैसला भी हुआ कि इसका नाम 'रेन्बो' होगा।
कोच्ची मेट्रो रेल लिमिटेड ने भी लिया था ऐसा फैसला
इससे पहले केरल में कोच्ची मेट्रो रेल लिमिटेड ने भी 2017 में 23 ट्रांसजेंडर की भर्ती करने जैसा बड़ा फैसला लिया था। अब एनएमआरसी ने एक बयान में कहा है, 'स्टेशन को 'प्राइड' नाम दिया गया है, एनएमआरसी परिवार के हिस्से के रूप में ट्रांसजेंडर समुदाय के योग्य सदस्य होने पर एनएमआरसी को बेहद गर्व महसूस हो रहा है। यह समुदाय के बीच गर्व की भावना भी पैदा करता है और एनएमआरसी का यह कदम इस समुदाय के सदस्यों के उत्थान के लिए एक आशा की किरण है और उन्हें लेकर जो रूढ़ियां हैं, उन्हें तोड़ने में मदद करता है ताकि वे भी एक गरिमापूर्ण जीवन जी सकें।' इस नाम का फैसला आम जनता, विभिन्न गैर सरकारी संगठनों और अन्य संगठनों से सुझाव प्राप्त करने के बाद लिया गया है, जो ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए काम करते हैं।
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