यूपी के इस शहर में पुलिस ने उठाया बड़ा कदम, सड़क दुर्घटना में घायलों संग सेल्फी पर होगी कार्रवाई
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की नोएडा पुलिस ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है जो कोई दुर्घटना होने पर पीड़ितों की मदद करने की जगह उनके साथ सेल्फी लेते हैं। पुलिस अधिकारियों ने पाया है कि अधिकतर दुर्घटनाओं में लोग मदद करने की जगह पहले पीड़ित के साथ सेल्फी लेते दिखते हैं। ऐसे में इस तरह की घटनाओं को बढ़ता देख ये फैसला लिया है। इसके चलते ट्रैफिक जाम हो जाता है और एंबुलेंस व अन्य मदद को पहुंचने में देरी होती है।
नोएडा में तेजी से बढ़ी हैं दुर्घटनाएं
मालूम हुआ है कि शहर में सड़क दुर्घटनाएं पहले के मुकाबले काफी बढ़ी हैं। इस साल जनवरी से लेकर मई तक पुलिस ने 481 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिसमें लगभग 220 लोगों की मौत हुई जबकि 393 लोग घायल हुए। गौतम बुद्ध नगर के ट्रैफिक एसपी अनिल कुमार झा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार दुर्घटना के समय आस पास के लोगों का फर्ज है कि वे पीड़ितों को प्राथमिक इलाज के लिए अस्पताल ले जाएं।
मदद करने के पहले वीडियो बनाने लगते हैं लोग
उन्होंने कहा कि दुर्घटना होने पर नागरिकों का फर्ज बनता है कि वह पीड़ितों की मदद करें लेकिन देखा गया है कि मदद करने की जगह आस पास वाले दुर्घटना स्थल और पीड़ितों का फोटो व वीडियो बनाने में व्यस्त हो जाते हैं। ये हमारे समाज के अमानवीय चेहरे को दिखाता है। इसके अलावा इसे रोज के ट्रैफिक का संचालन भी बिगड़ता है।
आरोपियों पर लगाई जाएगी धारा 122 और 177
पुलिस विभाग ने फैसला किया है कि आगे से इस तरह की हरकत करने वालों पर धारा 122 और 177 के तहत कार्रवाई की जाएगी। धारा 122 के तहत सड़क पर गलत तरीके से अपने वाहन को पार्क करना अपराध माना जाता है। धारा 177 में कहा गया है कि जो कोई भी इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता है, पहले अपराध के लिए दंडनीय होगा, जो कि 100 रुपये तक हो सकता है, और जुर्माना के साथ किसी भी दूसरे या बाद के अपराध के लिए जो 300 रुपये तक बढ़ सकता है।
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