मोदी को काट रहे मच्छर, क्योंकि मनमोहन के पास थी ऑलआउट
[अजय मोहन] कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है, "लगता है पीएम मोदी को नोबल पीस प्राइज का मच्छर काट गया है। नवाज शरीफ जी को तो काटा ही हुआ था।" वैसे सच तो है, मोदी को केवल एक मच्छर ने नहीं बल्कि कई सारे मच्छरों ने काट रखा है और निरंतर काट रहे हैं। शायद पिछली सरकार में मनमोहन सिंह को भी काटते, पर अफसोस उन्होंने ऑल आउट लगा रखी थी।
अब ये मच्छर कौन-कौन से हैं, और कांग्रेस शासनकाल में ऑलआउट का काम किस शख्सियत ने निभाया था यह सोचने वाली बात है। खैर मच्छरों का जिक्र हम यहां करेंगे, पर ऑलआउट कौन था/थी, उसका जवाब आप दीजियेगा कमेंट बॉक्स में।
मच्छर पाकिस्तान से शांतिवार्ता का
25 दिसंबर 2015 को मोदी को इस मच्छर ने उस वक्त काटा जब वो काबुल से लौट रहे थे। मच्छर के काटते ही मोदी लाहौर उतर गये और वहां दो घंटे बिताये। 10 साल के कार्यकाल में मनमोहन सिंह को भी इस मच्छर ने काटने के प्रयास किये, लेकिन सफल नहीं हुआ। अंतिम बार 12 जुलाई 2012 को यही मच्छर मनमोहन सिंह को काटने आया था, जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी ने पाकिस्तान आने का निमंत्रण भेजा, लेकिन ऑलआउट के चलते कोई असर हुआ नहीं।
करंट मारने वाला मच्छर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2014 में करंट मारने वाले मच्छर ने काटा, तो उन्होंने पावर मिनिस्टर के साथ मिल कर 2019 तक यानी मात्र पांच साल में संपूर्ण भारत को 24X7 बिजली मुहैया कराने की योजना बना डाली। जिस रफ्तार से काम चल रहा है, उससे लगता है 2019 तक न सही लेकिन 2022 तक पूरे भारत में बिजली दौड़ रही होगी। अब यह हमारी समझ से परे है कि ऐसी कौन सी ऑलआउट थी, जिसके कारण पूर्व प्रधानमंत्री 10 साल राज करने के बाद भी भारत का बिजली संकट दूर नहीं कर सके।
मच्छर बुलेट ट्रेन का
मोदी को काटा तो जापान के साथ समझौता करके बुलेट ट्रेन का काम शुरू कर दिया। साल 2010 में यही मच्छर इटली से आया था, जिसने पुणे-मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की बात कही थी, लेकिन मनमोहन सिंह तब ऑलआउट लगाकर बैठे हुए थे। इसलिये समझौता नहीं हो सका और बुलेट ट्रेन टल गई।
मच्छर स्किल इंडिया का
नरेंद्र मोदी को स्किल डेवलपमेंट का मच्छर काटा, तो हर क्षेत्र में इस अभियान को तत्परता के साथ शुरू करवा दिया। जबकि 2007 में इसी मच्छर ने राजीव गांधी टेक्नोलॉजी मिशन के रूप में मनमोहन सिंह को काटा था, तब वह कार्यक्रम आईटी क्षेत्र तक सीमित रह गया था। मनमोहन के चारों तरफ लगी ऑलआउट ने इस मिशन को अन्य क्षेत्रों में बढ़ने नहीं दिया।
स्वच्छ भारत का मच्छर
स्वच्छ भारत अभियान चलाना भी उस मच्छर की देन थी, जिसने मोदी को काटा। वो भी ऐसा-वैसा नहीं काटा। असर इतना जबर्दस्त था कि शहर की सड़कों के साथ-साथ नरेंद्र मोदी महापुरुषों की मूर्तियों की सफाई तक की बात करने लगे। ऐसा नहीं है कि इस मच्छर ने कभी मनमोहन सिंह को नहीं काटने के प्रयास नहीं किये। 1 अप्रैल 2012 में निर्मल भारत अभियान नाम का एक मच्छर आया था, लेकिन ऑलआउट के डर से सफल नहीं हुआ।
वाईफाई मच्छर
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के ऑफिस से आये इस मच्छर ने जब मोदी को काटा, तो देश के 200 रेलवे स्टेशनों को वाईफाई से लैस करने के प्रोजेक्ट पर मुहर लग गई। साथ ही हर हाथ में इंटरनेट, गांव की महिलाओं को स्मार्ट फोन से जोड़ने का काम, आदि शामिल है। पिछले 17 सान से गूगल इंडिया नाम का मच्छर पीएमओ के आस-पास ही था, लेकिन ऑलआउट की वजह से अंदर नहीं घुस सका और ऐसी योजनाएं पहले नहीं बन सकीं।
बीमा वाला मच्छर
पीएम मोदी को जब प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के मच्छर ने काटा तो देश के करोड़ो लोग आगे आये और इन स्कीमों से जुड़े। अफसोस कि कांग्रेस कार्यकाल के वक्त ऐसे मच्छर क्यों नहीं आये।
अगर आप उस ऑलआउट का नाम जानते हों, तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
ये तो महज चंद उदाहरण हैं, जिसमें साफ है कि जब-जब विकास कार्यों की बात आयी, तब-तब ऐसी कौन सी ऑलआउट थी, जो शांत स्वभाव वाले प्रधानमंत्री के हाथ बांध देती थी। खैर देश अब सकारात्मक दिशा की ओर बढ़ चुका है, इसलिये Positive India की सोच लेकर आगे बढ़िये।
रही बात नोबेल पीस प्राइज के मच्छर की तो अगर उसने नरेंद्र मोदी को काट भी लिया है, तो कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को चिंता करने के बजाये खुश होना चाहिये। क्योंकि जिस दिन भारत के प्रधानमंत्री को नोबेल पीस प्राइज़ से नवाज़ा गया, उस दिन से दुनिया भारत के प्रधानमंत्री को बराक ओबामा के समकक्ष तौलने लगेगी। और तब हर हिंदुस्तानी के लिये गर्व की बात होगी।