क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी को तिहाड़ में गुजारनी पड़ी थी 10 रातें, हत्या की कोशिश के थे आरोप

abhijit banerjee

Google Oneindia News

नई दिल्ली। भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को 2019 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। प्रेसीडेंसी कॉलेज कोलकाता से 1981 में बनर्जी ने अर्थशास्त्र में स्नातक और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से 1983 में एमए किया है। नोबेल पुरस्कार मिलने के बाद से लगातार उनका जेएनयू कनेक्शन चर्चाओं में है। अभिजीत बनर्जी का जेएनयू से जुड़ा वो किस्सा भी है जब एनआर मोहंती को कैंपस से निकाले जाने का बनर्जी सहित कई छात्रों ने विरोध किया था। इसी जेएनयू में पढ़ाई करते वक्त बनर्जी को दिल्ली की तिहाड़ जेल में 10 दिन गुजारने पड़े थे।

तिहाड़ में 10 दिनों तक रहे थे अभिजीत बनर्जी

तिहाड़ में 10 दिनों तक रहे थे अभिजीत बनर्जी

फरवरी, 2016 में जब जेएनयू को लेकर सियासत गरमाई हुई थी, पूरे देश में जेएनयू कांड को लेकर बहस तेज हो चली थी, उसी वक्त अभिजीत बनर्जी ने हिन्दुस्तान टाइम्स में एक लेख लिखा था, 'हमें जेएनयू जैसी सोचने-विचारने वाली जगह की जरूरत है और सरकार को निश्चित रूप से इससे दूर रहना चाहिए।' इसी लेख में उन्होंने बताया कि किस तरह से 1983 में अपने दोस्तों के साथ उनको तिहाड़ जेल में रहना पड़ा था। उस वक्त जेएनयू के वाइस चांसलर को इन छात्रों से अपनी जान को खतरा हुआ था।

ये भी पढ़ें: Nobel Prize 2019: जानिए कौन हैं अभिजीत बनर्जी जिन्हें मिला अर्थशास्त्र का नोबेल, भारत से क्या है रिश्ताये भी पढ़ें: Nobel Prize 2019: जानिए कौन हैं अभिजीत बनर्जी जिन्हें मिला अर्थशास्त्र का नोबेल, भारत से क्या है रिश्ता

हत्या की कोशिश के लगे थे आरोप

हत्या की कोशिश के लगे थे आरोप

इस लेख में अभिजीत बनर्जी ने लिखा, '1983 में जेएनयू के छात्रों ने वीसी का घेराव किया था, वे तब हमारे स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष को कैंपस से निकालना चाहते थे, प्रदर्शन के दौरान देश में तब कांग्रेस की सरकार थी। पुलिस आकर सैकड़ों छात्रों को उठाकर पुलिस ले गई। हमें दस दिनों तक तिहाड़ जेल में रखा गया, पिटाई भी हुई, लेकिन तब राजद्रोह जैसा केस नहीं होता था। हम लोगों पर हत्या की कोशिश के आरोप लगे थे, इस दौरान हमें 10 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था।'

पति-पत्नी को मिला नोबेल पुरस्कार

पति-पत्नी को मिला नोबेल पुरस्कार

बता दें कि अभिजीत बनर्जी कोलकाता में जन्मे हैं। उनकी मां का नाम निर्मला बनर्जी है जो सेंटर फॉर स्‍टडीज इन सोशल साइंसेज में अर्थशास्‍त्र की प्रोफेसर हैं और पिता दीपक कोलकाता के प्रेसिडेंट कॉलेज में अर्थशास्‍त्र विभाग के अध्‍यक्ष थे। जेएनयू से एमए करने के बाद अभिजीत ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। इसके बाद अभिजीत बनर्जी अमेरिका में ही काम करने लगे। उन्होंने पहले हार्वर्ड और फिर प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में पढ़ाया है। उनकी पहली शादी अरुंधति तुली बनर्जी से हुई, जिनसे उनका तलाक हो गया। 2015 में उन्होंने एस्थर डुफलो से शादी की, जो खुद भी अर्थशास्त्री हैं। अभिजीत बनर्जी की पत्नी एस्थर डुफलो को भी नोबेल पुरस्कार दिया गया है।

Comments
English summary
Nobel laureate abhijit banerjee spent 10 days in delhi's tihar jail
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X