नोबेल पुरस्कार चोरी होने के बाद कैलाश सत्यार्थी ने चोरों से की खास अपील
चोरी की इस वारदात के बाद सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है।
नई दिल्ली। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने अपने घर में हुई चोरी को लेकर चोरों से खास अपील की है। कैलाश सत्यार्थी ने कहा है कि जिन्होंने भी इस घटना को अंजाम दिया है वो नोबेल पुरस्कार के महत्व को समझेंगे। मंगलवार तड़के सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के घर पर चोरी का मामला सामने आया था। जिसमें चोर कई बहुमूल्य सामान चुरा ले गए इसमें उनकी नोबेल पुरस्कार की प्रतिकृति भी शामिल थी।
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चोरी की इस वारदात के बाद सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है। साथ ही उन्होंने वारदात को अंजाम देने वालों से अपील करते हुए कहा कि वो अवॉर्ड के महत्व को समझेंगे, क्योंकि इसकी कोई मौद्रिक कीमत नहीं है। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का घर डीडीए फ्लैट्स कॉलोनी, अरावली अपार्टमेंट, कालकाजी में है। चोरों ने घर के महंगे सामानों के साथ-साथ नोबेल पुरस्कार की प्रतिकृति समेत कई और दूसरे अवॉर्ड्स पर हाथ साफ किया। कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि मेरा नोबेल पुरस्कार मेरे देश और यहां के बच्चों को समर्पित है। इस घटना को अंजाम देने वालों से मेरी अपील है कि वो इस पुरस्कार के महत्व को समझेंगे।
बता दें कि कैलाश सत्यार्थी के घर पर नोबेल शांति पुरस्कार की प्रतिकृति थी। प्रोटोकॉल के तहत वास्तविक नोबेल पुरस्कार राष्ट्रपति भवन में रखा जाता है। सत्यार्थी को वर्ष 2014 में मलाला युसूफजई के साथ शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक कुछ लोग साउथ दिल्ली के अलकनंदा इलाके में स्थित सत्यार्थी के घर में दाखिल हुए। सत्यार्थी इस समय अपने घर में नहीं हैं। वह इस समय लैटिन अमेरिका के बगोटा में नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं की एक वर्ल्ड समिट में हिस्सा लेने के लिए गए हुए हैं।
कालकाजी पुलिस स्टेशन में चोरी का केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है। वर्ष 2004 में भी इस तरह की घटना हुई थी जब रबिंद्रनाथ टैगोर का नोबेल पुरस्कार चोरी हो गया था जो उन्हें वर्ष 1913 में साहित्य के लिए मिला था। सत्यार्थी देश के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ते हैं। सत्यार्थी बचपन बचाओ आंदोलन के फाउंडर हैं। यह एक एनजीओ है तो बच्चों के लिए काम करता है। यह संस्था बाल मजदूरी को हटाने और बाल मजदूरों को फिर से विस्थापित करने का काम करता है।
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