सरकारी कर्मचारियों के घर में नहीं था शौचालय, 616 लोगों को वेतन रोका गया
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में लोगों को खुले में शौंच से मुक्त कराने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण नहीं कराने की वजह से 600 से अधिक सरकारी कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है। किश्तवाड़ जिले के जिला विकास कमिश्नर अंग्रेज सिंह राणा ने शनिवार को एक आदेश जारी किया है जिसमे इन तमाम सरकारी कर्मचारियों के वेतन को रोकने का आदेश दिया गया है।
रिपोर्ट के बाद लिया फैसला
दरअसल असिस्टैंट डेवलेपमेंट कमिश्नर अनिल कुमार चंदेल ने अंग्रेज सिंह राणा को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमे उन्होंने बताया था कि पद्देर ब्लॉक में राज्य सरकार के 616 कर्मचारियों के घर में शौचालय नहीं है। जम्मू कश्मीर में 71.95 फीसदी घरों में शौचालय का लक्ष्य हासिल किया जा चुका है। यह शौचालय स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनवाए गए हैं। लेकिन इन कर्मचारियों के घर में शौचालय नहीं होने के रिपोर्ट के बाद इनकी सैलरी को रोक दिया गया है।
शर्मनाक बर्ताव
किश्तवाड़ में कुल 57.23 फीसदी घरों में शौचालय है, लेह, कारगिल, शोपियां, श्रीनगर को खुले में शौंच से मुक्त घोषित कर दिया गया है। जबकि अनंतनाग, पुलवामा में भी यह लक्ष्य इस माह के अंत तक हासिल कर लिया जाएगा। चंदेल की रिपोर्ट मिलने के बाद किश्तवाड़ जिले के डेवेलेपमेंट कमिश्नर ने सख्त कदम उठाते हुए इन तमाम राज्य सरकार के कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है। विभाग की ओर से कहा गया है कि यह शर्मनाक है और इससे सरकार की गलत छवि लोगों के सामने जाती है। सरकार के कर्मचारी होने के बाद भी आपका यह बर्ताव सही नहीं है और लोगों के सामने गलत उदाहरण पेश करता है, ऐसे में कैसे लोग आपसे प्रेरित होंगे।
कहां पर कितना लक्ष्य हासिल
पुलवामा में खुले में शौंच से मुक्ति का 98.64 फीसदी लक्ष्य हासिल किया जा चुका है, जबकि पुलवामा में 98.43 फीसदी, अनंतनाग में 91.92 फसीद, राजौरी में 84.53 फीसदी, कुलगांम में 72.95 फीसदी, बारामूला में 67.44 फीसदी, रामबान में 66.74 फीसदी, पुंछ में 61.45 फीसदी, उधमपुर में 48.41 फीसदी और कठुआ में 45.69 फीसदी लक्ष्य को हासिल किया जा चुका है।
इसे भी पढ़ें- सीतापुर में घर में शौचालय बनवाने के लिए बेच दी 7 बकरियां, सरकार से नहीं मिली मदद