महाराष्ट्र: अब 12वीं की परीक्षा में कोई भी छात्र नहीं होगा फेल
मुंबई। महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में बैठने वाले दसवीं के परीक्षार्थियों के बाद अब बारहवीं के परीक्षार्थियों को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है। अब बारहवीं के मार्कशीट पर फेल शब्द नहीं लिखा जाएगा। इस संबंध में राज्य सरकार ने सर्कुलर जारी किया है। शिक्षा विभाग के इस फैसले की जानकारी शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में दी गई है। 'विद्यार्थियों को दिलासा' नाम के शीर्षक में लिखा गया है कि 10वीं के बाद 12वीं के रिजल्ट में भी फेल मतलब 'अनुत्तीर्ण' शब्द को हटाने का निर्णय राज्य के शिक्षा विभाग ने लिया है।
सामना ने लिखा है ' '12वीं के बाद विद्यार्थियों और अभिभावकों को दिलासा देने वाला यह निर्णय है। शिक्षा और पढ़ाई में थोड़ा बहुत पीछे होना कलंक नहीं हो सकता है। 12वीं की परीक्षा में कुछ अंक कम पाने वाले विद्यार्थियों के रिजल्ट में अनुत्तीर्ण लिखने से क्या हासिल होता है। ऐसा सवाल शिक्षा क्षेत्र के जानकार और सुधारवादी लोग लगातार उठाते रहते थे। पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों के रिजल्ट में अनुत्तीर्ण शब्द एक तरह से विद्यार्थियों के लिए हानिकारक ही था।
अन्य विद्यार्थियों की तुलना में कम अंक मिले, इसलिए कुछ विद्यार्थियों को माथे पर फेल लिखने का अधिकार शिक्षा व्यवस्था को नहीं है। ऐसे सवाल कई बार उठते रहे। इसके रामबाण इलाज के लिए शिक्षा विभाग ने फेल का दाग हमेशा के लिए मिटा दिया है। 4 दिन पहले ही महाराष्ट्र में 12वीं की परीक्षा शुरू हुई है। 18 फरवरी से 18 मार्च तक चलने वाली इस परीक्षा के लिए राज्यभर से लगभग 15 लाख विद्यार्थी परीक्षा में बैठ रहे हैं। ऐसे में फेल शब्द रिजल्ट से हटाने के चलते छात्रों पर पड़ने वाला भार जरूर कम हुआ है। रिजल्ट में पुनर्परीक्षा का जिक्र किया जाएगा।'
दो दिन में 135 नकलची पकड़े गए
बता दें कि महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड की बारहवीं की परीक्षाएं चल रही हैं। इस दौरान बोर्ड ने नकल रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, इसके बावजूद राज्यभर में दो दिनों में 135 नकलची पकड़े गए हैं। सभी 9 विभागों में नकल करने के मामले में लातूर विभाग के परीक्षार्थी शामिल हैं। लातूर विभाग में 34 नकलची पकड़े गए हैं, जबकि मुंबई और कोकण विभाग में नकल करने का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
बोर्ड के मुताबिक, राज्य में नकल को रोकने के लिए बड़ी संख्या में उड़नदस्ते नियुक्ति हैं। बोर्ड नकल रहित परीक्षा के आयोजन को लेकर प्रतिबद्ध है। अब तक पुणे विभाग में 22, नागपुर में 20, औरंगाबाद में 15, कोल्हापुर में 4, अमरावती में 10, नासिक में 30, लातूर में 34 नकल के मामले सामने आए हैं।