Hindi Row: कोई भी शाह, सम्राट या सुल्तान हम पर कुछ थोप नहीं सकते: कमल हासन
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नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के राष्ट्र भाषा पर दिए गए बयान के बाद राजनीतिक घमासान रूकने का नाम नही ले रहा है, स्टालिन, ओवैसी और थरूर के बाद अब इस मसले पर तीखी प्रतिक्रिया अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने दी है, उन्होंने इस बारे में एक ट्वीट किया है , जिसमें उन्होंने जमकर मोदी सरकार पर हमला बोला है।
'शाह, सुल्तान या सम्राट वादा नहीं तोड़ सकते'
कमल हासन ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा है कि देश में एक भाषा को थोपा नहीं जा सकता है,अगर ऐसा होता है तो इसके खिलाफ देश में Jallikattu से भी बड़ा आंदोलन होगा, कोई भी शाह, सुल्तान या सम्राट अचानक वादा नहीं तोड़ सकता है और ना ही कुछ थोप सकता है।
'हर क्षेत्र की भाषा और कल्चर का सम्मान करने का हुआ था वादा'
कमल हासन ने कहा कि साल 1950 में जब भारत गणतंत्र बना था , तो ये वादा किया गया था कि हर क्षेत्र की भाषा और कल्चर का सम्मान किया जाएगा और उन्हें सुरक्षित रखा जाएगा।
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'भारतीयों पर जबरदस्ती कुछ थोपा नहीं जा सकता'
तो आज उस वादे को कोई कैसे तोड़ सकता है,अगर उस वादे को तोड़ने की कोशिश की गई तो उसके खिलाफ आंदोलन किए जाएंगे, हमारे देश क कई राजाओं ने अपना राज देश की एकता के लिए न्योछावर कर दिया लेकिन लोग अपनी भाषा, संस्कृति और पहचान को खोना नहीं चाहते हैं।
'तमिल को लंबे समय तक जीने दो'
एक्टर ने कहा कि भारत ऐसा देश है जहां लोग एक साथ बैठकर खाते हैं, किसी पर कुछ थोपा नहीं जा सकता है, उन्होंने वीडियो में कहा कि तमिल को लंबे समय तक जीने दो, देश को समृद्ध होने दो।
क्या कहा था अमित शाह ने?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश को एक भाषा में बांधने की बात कही थी, अमित शाह ने कहा कि हिंदी भाषा में देश को एक सूत्र में बांधने की काबिलियत है, देश में एक भाषा की जरूरत है जो कि दुनिया में भारत का प्रतिनिधित्व करे, हिंदी दिवस के मौके पर अमित शाह ने कहा था कि हिंदी अधिकतर बोले जाने वालों की भाषा है और यह देश को एक सूत्र में बांध सकती है, यही नहीं अमित शाह ने अपील की है हिंदी को प्राथमिक भाषा बनाया जा सकता है, उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि कोई भाषा देश का प्रतिनिधित्व करे।
'हिंदी भाषा देश को एक सूत्र में बांध सकती है'
अमित शाह ने कहा कि भारत अनेक भाषाओं का देश है, हर भाषा की अपनी महत्ता है, लेकिन यह बहुत जरूरी है एक भाषा होनी चाहिए जो दुनिया में देश का प्रतिनिधित्व करे. आज अगर कोई भाषा है जो देश को एकजुट कर सकती है तो वह सबसे अधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा है, अमित शाह ने ट्वीट करके हिंदी भाषा को देश की भाषा बनाने की वकालत की थी।
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