NTAGI ने व्यस्कों के लिए बूस्टर डोज की नहीं की सिफारिश, बच्चों के टीकाकरण पर भी कोई फैसला नहीं
नई दिल्ली, 06 दिसंबर: टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के सदस्यों द्वारा सोमवार को हुई बैठक में प्रतिरक्षाविहीन व्यक्तियों और बच्चों के टीकाकरण के लिए कोविड वैक्सीन की 'अतिरिक्त' खुराक की कोई सिफारिश नहीं की है। पीटीआई के सूत्रों के अनुसार, बैठक में दोनों मुद्दों पर संक्षेप में चर्चा की गई और सदस्यों द्वारा कोई सहमति नहीं बनाई गई। बता दें कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ा दी है।
आधिकारिक सूत्रों के हवाले से, पीटीआई ने बताया कि बूस्टर डोज का मुद्दा बैठक के एजेंडे में नहीं था क्योंकि इसकी आवश्यकता और मूल्य का पता लगाने के लिए अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है। यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एक टीके की एक अतिरिक्त खुराक बूस्टर डोज से अलग होती है।इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बूस्टर डोज के संबंध में हाल ही में लोकसभा में बताया था कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह और कोविड-19 टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह इस पहलू से संबंधित वैज्ञानिक प्रमाणों पर विचार कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, अभी के लिए बूस्टर डोज का मुद्दा एजेंडा में नहीं है, क्योंकि इसकी आवश्यकता और महत्व का पता लगाने के लिए अध्ययन किए जा रहे हैं। बता दें कि, में भारतीय सार्स-कोव-2 कंसोर्टियम ऑन जीनोमिक्स ने 40 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए उच्च जोखिम और उच्च जोखिम वाली आबादी को प्राथमिकता के साथ कोविड -19 टीकों की बूस्टर खुराक की सिफारिश की थी।
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हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने ड्रग रेगुलेटर से नोवेल कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ बूस्टर डोज के रूप में कोविशील्ड के लिए मंजूरी मांगी है। भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को एक आवेदन में एसआईआई ने कहा कि यूके-एमएचआरए ने पहले ही एस्ट्राजेनेका के लिए बूस्टर खुराक को मंजूरी दे दी है जबकि भारत में कोविशील्ड की कोई कमी नहीं है।