राफेल सौदे पर विपक्ष के किचकिच में पड़ने से निर्मला सीतारमण ने किया इनकार
नई दिल्ली। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया है कि वे विपक्ष के किसी भी उस सवाल का जवाब नहीं देंगी, जो राफेल सौदा से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इतने संवेदशील मुद्दे पर कुड़ा फेंकने के बाद, अब वे इसके लायक नहीं है कि उनके सवालों का जवाब दिया जाए। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह देश की सुरक्षा की तत्परता का मुद्दा है। सीतारमण ने कहा कि चीन और पाकिस्तान लगातार अपने एयर डिफेंस को मजबूत करने में लगा हैं और उसी को देखते हुए राफेल जेट के दो स्क्वाड्रन खरीदने का निर्णय लिया गया।
विपक्ष के आरोपों से नाराज सीतारमण ने कहा कि इस मुद्दे को स्पष्ट करना या इस पर बात करने का कोई मतलब ही नहीं है। उन्होंने कहा, 'वे देश को गुमराह कर रहे हैं जो यूपीए सरकार के दौरान भी सहमत नहीं बन पाई थी। तुम आरोप लगाते हुए कह रहे हो कि यह फ्रॉड हुआ है। तुमने एयर फोर्स की ऑपरेशनल तैयारियां तक नहीं की।'
सीतारमण ने कहा, 'यह (राफेल सौदा) एक इंटरगवर्नमेंटल एग्रीमेंट है। आपने (विपक्ष) हमने सवाल किया, हमने संसद में उसका जवाब दिया। अब मैं उन्हें क्या कहूं?' रक्षा मंत्री ने साथ में यह भी जोर देते हुए कहा कि राफेल सौदे को बोफोर्स से बिल्कुल भी नहीं जोड़ा जा सकता है, जो विपक्ष ने किया था।
इससे पहले रक्षा मंत्री ने कहा था हिंदुस्तान एयरोनिटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की खराब हालात से उनके हाथ से यह सौदा गया। सीतारमण ने कहा कि एचएएल के पास इतनी क्षमता ही नहीं थी कि वह फ्रांसिसी कंपनी दासो एविएशन के साथ मिलकर भारत में इस अत्याधुनिक जेट विमान का निर्माण कर सके।