बिहार चुनाव से पहले एक दिन का अंतिम विधानसभा सत्र, नहीं हुआ प्रश्नकाल और शून्य काल
नई दिल्ली। बिहार में आज शुरू हुआ विधानसभा सत्र एक दिन खत्म हो गया। चार दिनों तक चलते वाले इस मानसून सत्र को एक दिन का कर दिया गया था। सोमवार को शुरू हुए इस सत्र में बिहार के विधायक सरकार से सवाल नहीं पूछ पाएं। क्योंकि, इस सत्र में कोई प्रश्नकाल, जीरो काल और कॉल अटेंशन मोशन नहीं हुआ। जेडीयू के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने कोविड की स्थिति और बाढ़ पर बहस कराने की इजाजत तो दी है सत्र इतना छोटा था कि, विधायक अपने सवाल ही नहीं पूछ पाए।
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सत्र में बिना सवाल किए करीब 12 बिल और अनुपूरक बजट पारित
इस विधानसभा सत्र में बिना सवाल किए करीब 12 बिल और अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया। द प्रिंट में छपी खबर के अनुसार आरजेडी मोहम्मद नेमातुल्ला ने कहा कि, आज हुए इस सत्र को देखकर मुझे दुख हो रहा है। सरकार को अपना अनुपूरक बजट पास करना होता है लेकिन विधायकों के लिए भी ये सत्र अहम होता है। क्योंकि, विधायक अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में समस्याओं से संबंधित मुद्दे सदन में उठाते हैं। जिसका आज किसी भी विधायक को मौका नहीं मिला।
ज्ञान भवन में आयोजित किया गया सत्र
1937 में अस्तित्व में आने के बाद पहली बार बिहार विधानसभा ने सत्र की मेजबानी नहीं की। ये सत्र बिहार विधानसभा के पुराने भवन बुलाने के बजाए ज्ञान भवन में आयोजित किया गया। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सकता है। वर्तमान विधानसभा का ये आखिरी सत्र था। इस संबंध में जानकारी देते हुए बिहार विधानसभा सचिवालय के कार्यवाहक सचिव भूषण झा ने बताया, विधानसभा भवन में 242 (स्पीकर को छोड़कर) विधायकों को समायोजित करने की क्षमता नहीं है। ज्ञान भवन में, हमने सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बैठने की व्यवस्था की। एक पंक्ति में, तीन से अधिक विधायक नहीं थे।
सत्र में कोविड प्रोटोकॉल पर दिया गया विशेष ध्यान
उन्होंने कहा कि, विधायकों को कोरोना वायरस के संपर्क में नहीं आने के लिए ये व्यवस्था की गई थी। सत्र शुरू होने से पहले लगातार तीन दिनों तक पूरे आयोजन स्थल को सैनिटाइज किया गया था। विधायकों को मास्क पहनने के लिए कहा गया था। वहीं सदन में घुसने से पहले सभी जनप्रतिनिधियों की थर्मल जांच की गई। यहां तक कि विधायकों की उपस्थिति कई डेस्क पर दर्ज की जा रही थी ताकि वे रजिस्टर पर हस्ताक्षर करते समय घुलमिल ना जाएं।
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