आखिर बीजेपी को क्यों नहीं दिख रहे हैं आडवाणी, जोशी, टंडन और जसवंत के आंसू?
टिकट बंटवारे को लेकर जिस तरह से पिछले दिनों भाजपा में तूफान आया हुआ है उसे देखकर तो यही लगता है कि पार्टी का दारोमदार जिन लोगों के हाथ में है उन्हें ना तो वरिष्ठ नेताओं की चिंता है और ना ही उन्हें बुजुर्ग नेताओं के आंसू दिख रहे हैं और ना ही उनका दर्द महसूस हो रहा है।
जिससे एक बात साबित होती है कि भाजपा किसी भी तरह चुनावों में जीत हासिल करना चाहती है और इसलिए वो सीनयर लोगों को अनदेखा करने से भी नहीं चूक रही है। उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है कि बुजुर्ग नेता पार्टी में रहे या ना रहें।
और शायद यही वजह है कि टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता अपनी नाराजगी छिपा नहीं रहे हैं और खुलकर अपना गुस्सा दिखा रहे हैं। आडवाणी, जोशी के बाद नाराजगी का नया संस्करण पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के रूप में सामने आया है।
जसवंत सिंह राजस्थान के बाड़मेर से टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी ने वहां से किसी और को प्रत्याशी बनाया है जिसके बाद जसवंत सिंह ने भावुक होकर भाजपा को छोड़ देने तक की बात की है। जिसकी वजह से वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज भी काफी आहत हुई हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने पिछले दो-तीन महीनों से जिस तरह से पार्टी का प्रबंधन किया जा रहा है उस पर सवाल उठाया है। जसवंत ने कहा है, "असली मुकाबला असली भाजपा और नकली भाजपा के बीच है। मैं इसका फैसला नहीं करूंगा, लोग करेंगे।"
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लालकृष्ण आडवाणी
जसवंत सिंह से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को टिकट दिए जाने को लेकर विवाद चला था। पार्टी के वयोवृद्ध नेता गुजरात के गांधीनगर की जगह भोपाल से चुनाव लड़ना चाह रहे थे। पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने उन्हें गांधीनगर सीट आवंटित की। भाजपा नेताओं के मनाने के बाद आडवाणी गांधीनगर से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गए। उन्हें मनाने के लिए पार्टी के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी भी गए थे।
मुरली मनोहर जोशी
मोदी की वजह से जोशी को अपनी बनारस की सीट छोड़नी पड़ी है और उन्हें गुस्से का घूंट पीना पड़ा है। हालांकि तमाम उतार-चढ़ाव के बाद वह कानपुर से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गये हैं।
लालजी टंडन
लखनऊ की सीटिंग एमपी लालजी टंडन को भी राजनाथ सिंह की वजह से लखनऊ सीट छोड़नी पड़ी है। हालांकि वो भी इस बात के लिए तैयार नहीं थे।
विरोध औऱ विद्रोह
और शायद इसलिए ही गाजियाबाद से पार्टी के प्रत्याशी पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी.के. सिंह का काले झंडों से स्वागत हुआ। चंडीगढ़ में पार्टी के ही कुछ कार्यकर्ताओं ने किरण खेर पर अंडे फेंके और पटना में शत्रुघ्न सिन्हा के समर्थकों की विरोधियों के साथ भिड़ंत हुई।
मनसे के कारण शिवसेना उखड़ी
महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने नितिन गडकरी की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के साथ मुलाकात पर नाखुशी जाहिर की है। शिवसेना ने भाजपा को याद दिलाया है कि राष्ट्रीय राजनीति में आडवाणी का युग समाप्त नहीं हुआ है।
जसवंत सिंह
राजस्थान के बाड़मेर से प्रत्याशी नहीं बनाए जाने से नाराज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने शनिवार को कहा कि पार्टी पर बाहरी लोगों का कब्जा हो गया है। जसवंत सिंह के करीबी लोगों ने कहा कि वे संभवत: भाजपा से जल्दी ही इस्तीफा दे देंगे।