बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भाई अानंद कुमार को उपाध्यक्ष पद से हटाया
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को स्पष्ट कर दिया है कि वे ही अगर दो दशक तक पार्टी अध्यक्ष बनी रहेंगी। मायावती ने बीएसपी के नए अध्यक्ष को लेकर दूर-दूर तक की संभावनाओं को खत्म कर दिया है। मायावती ने कहा, 'अगले 20-22 साल तक किसी को बीएसपी का अध्यक्ष बनने का सपना भी नहीं देखना चाहिए। मैं पार्टी का नेतृत्व करती रहूंगी।' यहां तक मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को भी पार्टी उपाध्यक्ष पद से हटाकर संकेत दे दिया कि फिलहाल उनका उत्तराधिकारी बनने का कोई सपना ना देखे।
लखनऊ में पार्टी मीटिंग में मायावती ने पार्टी कैडर्स ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के लिए कोशिश भी ना करें। मायावती ने साफ शब्दों में अपनी पार्टी मैंबर को चेताया कि कोई भी मेरा उत्तराधिकार बनने का सपना भी ना देखे। मायावती पिछले 6 माह से घुटने के दर्द से जूझ रही है।
उत्तर प्रदेश के फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ हाथ मिलाने के बाद, अब मायावती ने कहा है कि राज्य में बीजेपी को रोकने के लिए विधानसभा चुनावों में आगे गठबंधन के आसार दिखेंगे। मायावती ने साथ में यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में चुनाव में गठबंधन की बातचीत चल रहा है। मायावती ने अपनी पार्टी मैंबर्स को कहा कि आपको हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा।
बसपा ने अपने संविधान में संशोधन करते हुए कहा है कि भविष्य में पार्टी अध्यक्ष के किसी भी करीबी सदस्य को पार्टी संगठन में किसी भी प्रकार को कोई भी पद नहीं मिलेगा। इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष ना तो अपने किसी भी नजदीकी सदस्य को चुनाव लड़ा सकता है और ना ही उसे राज्यसभा सांसद, एमएलसी या मंत्री आदि बनाया जाएगा।