DA Cut: केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता काटे जाने पर क्या बोले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह
नई दिल्ली: कोरोना महामारी का प्रकोप भारत में बढ़ता जा रहा है। सरकार लगातार कोरोना को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है, जिसका सरकारी खजाने पर भी असर पड़ रहा है। हाल ही में सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद शनिवार को हुई कांग्रेस पार्टी के सलाहकार समूह की बैठक में ये मुद्दा उठा। इस दौरान भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरकार के इस फैसले की अलोचना की है। साथ ही मोदी सरकार से फिजूलखर्ची रोकने को कहा है।
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि ऐसे मुश्किल वक्त में केंद्रीय कर्मचारियों और सैनिकों पर डीए कटौती का फैसला थोपना जरूरी नहीं है। सरकार को वेतन भत्ते में कटौती के अलावा बुलेट ट्रेन और अन्य फिजूलखर्ची वाली योजनाओं पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वक्त हमें उन कर्मचारियों के साथ खड़े होना चाहिए जिनके भत्ते काटे गए हैं।
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राहुल गांधी ने भी उठाए सवाल
वहीं बैठक में सांसद राहुल गांधी ने कहा कि बुलेट ट्रेन और सेंट्रल विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना में फालतू के खर्चे किए जा रहे हैं। इसको रोकने के बजाए सरकार आम वर्ग से पैसा वसूल रही है। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी मोदी सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने लॉकडाउन और कोरोना महामारी को देखते हुए एक सलाहकार समिति का गठन किया है। इस कमेटी में 11 सदस्य हैं, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इसकी अध्यक्षता कर रहे हैं।
क्या
था
सरकार
का
फैसला?
सरकार
ने
केंद्रीय
कर्मचारियों
को
मिलने
वाले
डीए
पर
रोक
लगा
दी
है।
ये
रोक
जनवरी
2021
तक
जारी
रहेगी।
वित्त
मंत्रालय
की
ओर
से
जारी
किए
गए
आदेश
के
अनुसार,
कोरोना
वायरस
की
वजह
से
अर्थव्यवस्था
पर
पड़े
असर
को
देखते
हुए
ये
फैसला
किया
गया
है।
1
जनवरी,
2020
के
बाद
से
केंद्रीय
कर्मचारी
या
पेंशनधारी
को
मिलने
वाली
डीए
की
राशि
नहीं
दी
जाएगी।
वहीं
1
जुलाई
2020
से
जो
एडिशनल
डीए
मिलना
था
उसपर
भी
रोक
लगा
दी
गई
है।