क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

लॉकडाउन में स्कूल बंद होने से नहीं मिल रहा मिड डे मील, कूड़ा बेचने को मजबूर हुए बच्चे

Google Oneindia News

पटना: कोरोना वायरस ने गरीब तबके को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है। बिहार के भागलपुर जिले से अब एक चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां स्कूल बंद होने के बाद अब बच्चे कूड़ा बेचने पर मजबूर हैं। प्रशासन इनकी मदद का दावा तो कर रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं। वहीं कई इलाकों में गरीबों को राशन भी नहीं मिल पा रहा है, जहां मिला भी वो काफी नहीं है।

corona

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भागलपुल के मुसाहारी टोला में दलितों का बुरा हाल है। स्थानीय निवासी दीनू के मुताबिक जातिगत भेदभाव की वजह से उनके पास सिर्फ दो काम है, या तो वो कूड़ा बीने या फिर भीख मांगे। लॉकडाउन ने उनकी हालत और खराब कर दी है। बच्चे पहले स्कूल जाते थे, तो उन्हें मिड डे मील के तहत कम से कम खाना मिल जाता था, लेकिन अब वो भी बंद है। जिस वजह से बच्चे भी कूड़ा बीनने पर मजबूर हैं।

वहीं एक स्थानीय महिला ने बताया कि एक महीने पहले अधिकारियों की ओर से उन्हें पांच किलो चावल या गेहूं और एक किलो दाल दिया गया था। जो अब खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े परिवार में इतने राशन में कैसे गुजारा होगा। तब से अधिकारी दोबारा उस इलाके में वापस नहीं आए हैं। लॉकडाउन की वजह से उनकी रोजी-रोटी पहले ही छिन गई थी, ऐसे में वो करें तो क्या करें।

लोगों में कोरोना से सुरक्षा के लिए MMR वैक्सीन लेने की मची है होड़, जानिए क्या कहते हैं डाक्टर्स?लोगों में कोरोना से सुरक्षा के लिए MMR वैक्सीन लेने की मची है होड़, जानिए क्या कहते हैं डाक्टर्स?

क्या कहते हैं अधिकारी?

मामले में जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि मिड डे मील का पैसा बच्चों के अभिभावकों के खाते में भेजा जा रहा है। जब तक स्कूल बंद रहेगा, तब तक ये योजना जारी रहेगी। इसके तहत कक्षा 1-5 तक के बच्चों को 15 दिनों के लिए 114.21 रुपये और कक्षा 6-8 के बच्चों के लिए 171.17 रुपये दिए गए हैं। वहीं बाबडिला इलाके में स्थित एक स्कूल के प्रिंसिपल के मुताबिक लॉकडाउन-2 तक पैसा आया था। जिसका भुगतान कर दिया गया। उसके बाद से कोई पैसा सरकार की ओर से नहीं आया है।

आपको बता दें कि भागलपुर जिले में मिड डे मील में रजिस्टर्ड बच्चों की संख्या 5.25 लाख है। जिसमें ज्यादातर बच्चे सिर्फ खाने के लिए स्कूल जाते हैं। अब स्कूल बंद होने की वजह से वो कूड़ा बीनते हैं। जिसमें उन्हें सिर्फ 15-20 रुपये ही मिल पाते हैं।

Comments
English summary
no mid day meal after lockdown, Bihar children selling scra
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X