सोशल मीडिया पर फिर घिरीं शेहला रशीद, पीएम को लेकर बयान देने पर भड़के लोग
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की छात्र नेता और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की नेता शेहला रशीद ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। दरअसल, शेहला ने एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें पीएम मोदी को खुला खत लिखने वाली कई हस्तियों के खिलाफ केस दर्ज किए जाने का जिक्र किया गया है।
शेहला रशीद के ट्वीट पर भड़के यूजर्स
उस ट्वीट पर शेहला रशीद ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'संविधान का कोई अनुच्छेद, आईपीसी में कोई क्लॉज, किसी राज्य का कानून या फिर संसद का कोई एक्ट नहीं है, जो ये कहता है कि देश के नागरिकों को प्रधानमंत्री का सम्मान करना ही है।' ट्विटर पर एक यूजर ने सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा था, 'मनीरत्नम, अदूर और 47 अन्य, जिन्होंने सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ मोदी को पत्र लिखा, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यदि ये फासीवाद नहीं है तो फिर हमें फासीवाद की परिभाषा बदल देनी चाहिए। जिस रफ्तार से हमारा देश सत्तावाद की खाई में गिर रहा है, वह बेहद डरावना है।'
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मॉब लिंचिंग के खिलाफ चिट्ठी लिखने वालों पर FIR के बाद शेहला ने किया था ट्वीट
शेहला ने इसी ट्वीट पर रिप्लाई दिया, जिसपर ट्वीटर पर यूजर्स भड़क गए। एक यूजर ने लिखा, 'फिर भी तुम पाकिस्तान के पीएम का सम्मान करती हो, ये रिश्ता क्या कहलाता है।' जबकि एक अन्य यूजर ने लिखा, 'संविधान का कोई अनुच्छेद, आईपीसी में कोई धारा, किसी राज्य का कानून या संसद का कोई एक्ट नहीं है, जो पीएम को बदनाम करने का अधिकार दे, वे 130 करोड़ भारतीयों के पीएम हैं।' शेहला की बातों से कुछ यूजर्स सहमत भी नजर आए जबकि कई यूजर्स ने इस ट्वीट के लिए शेहला पर गुस्सा निकाला।
शेहला पर यूजर्स का फूटा गुस्सा
बता दें कि जिन 50 नामी-गिरामी हस्तियों ने मॉब लिंचिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखा था, उनके खिलाफ बिहार में केस दर्ज हुआ है। मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखने वाले रामचंद्र गुहा, मणिरत्नम, अपर्णा सेन समेत 50 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इन लोगों ने देश में मॉब लिंचिंग घटनाओं को अपनी चिंता व्यक्त की थी।