रेलवे ग्रुप डी की नौकरी ज्वाइन करने के बाद क्या बोला IIT ग्रेजुएट
नई दिल्ली। जहां एक ओर आजकल के युवा प्राइवेट नौकरी को ज्यादा तरजीह देते हैं, आईआईटी के एक ग्रेजुएट ने रेलवे में ग्रुप डी की सरकारी नौकरी में शामिल होना पसंद किया है। उनके इस फैसले से सरकारी नौकरी की अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस आईआईटियन का नाम श्रवण कुमार है, जिन्होंने आईआईटी मुंबई से ग्रेजुएशन पूरा किया। बावजूद इसके उन्होंने बड़ी और मल्टिनेशनल कंपनी की जगह रेलवे में ट्रैक मेंटेनेंस की नौकरी में जाने का फैसला किया। आखिर उनके इस फैसले के पीछे क्या वजह रही? उन्होंने रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी का फैसला क्यों किया, इसका जवाब उन्होंने खुद दिया है।
'मैं हमेशा सरकारी नौकरी में शामिल होना चाहता था'
आईआईटी मुंबई के ग्रेजुएट श्रवण कुमार ने बताया, 'मैंने बीटेक किया था, लेकिन मैं हमेशा सरकारी नौकरी में शामिल होना चाहता था।' एक स्थानीय समाचार पत्र से बातचीत में उन्होंने कहा कि कोई भी नौकरी बुरी नहीं होती है। मुझे पूरा विश्वास है कि एक दिन मैं एक अधिकारी बनूंगा।' उन्होंने कहा, 'मुझे प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से रेलवे की नौकरी मिली है। मैंने 30 जुलाई को इस पोस्ट के लिए ज्वाइन किया।'
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आईआईटी मुंबई से ग्रेजुएट हैं श्रवण कुमार
श्रवण कुमार ने साल 2010 में आईआईटी मुंबई के मेट्रोलॉजी एंड मैटेरियल साइंस ब्रांच में इंटीग्रेटेड डुअल डिग्री कोर्स में एडमिशन लिया था। साल 2015 में उन्होंने बीटेक और फिर एमटेक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने रेलवे ग्रुप डी परीक्षा की तैयारी की और उसे क्रैक किया। 30 जुलाई को श्रवण कुमार की पोस्टिंग धनबाद रेल मंडल में हुई। आईआईटी जैसे बड़े संस्थान से पढ़ने के बाद ट्रैकमैन की नौकरी चुनने को लेकर पूछे गए सवाल पर श्रवण ने कहा, 'सरकारी नौकरी में जॉब की सेक्योरिटी होती है। मेरे कई दोस्त प्राइवेट सेक्टर में हैं लेकिन वे सरकारी नौकरी ही करना चाहते थे।
धनबाद रेल मंडल में मिली पहली पोस्टिंग
देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में शुमार आईआईटी से बीटेक और एमटेक करने के बाद श्रवण कुमार ने रेलवे के ग्रुप डी में नौकरी ज्वॉइन करके मिसाल पेश की है। पटना के बिहटा पालीगंज के रहने वाले श्रवण कुमार के अनुसार कोई नौकरी छोटी या बड़ी नहीं होती। जीवन में जो अवसर मिले उसे छोड़ना नहीं चाहिए। श्रवण की पोस्टिंग फिलहाल धनबाद रेल मंडल में की गई है। श्रवण के टीम में शामिल होने से उनके साथी काफी उत्साहित हैं, वहीं रेलवे के लिए भी ग्रुप डी पद पर आईआईटियन का शामिल होना गौरव की बात मानी जा रही है।
श्रवण कुमार बोले- मैं एक दिन रेलवे का बड़ा अधिकारी बनूंगा
ग्रुप डी की नौकरी के लिए न्यूनतम शैक्षित योग्यता महज 10वीं पास की होती है, इस नौकरी में सालाना करीब 3 लाख रुपये मिलते हैं। श्रवण कुमार ने कहा, 'मैं हमेशा ट्रैकमैन बनकर नहीं रहना चाहता। मुझे पूरी उम्मीद है कि मैं एक दिन रेलवे का बड़ा अधिकारी बनूंगा।' फिलहाल वे रेल की ओर से मिले काम को कर रहे हैं। बता दें कि श्रवण के बड़े भाई रंजीत कुमार पटना में पीडब्लूडी में नौकरी करते हैं।
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