लोकसभा में सरकार से पूछा गया 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' पर सवाल, तो मंत्री ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसके पास 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' जैसे किसी समूह के बारे में कोई जानकारी नहीं है। लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि मंत्रालय को नहीं पता कि ये शब्द (टुकड़े-टुकड़े गैंग) कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा दिए गए इनपुट पर आधारित है या नहीं। किसी भी कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा सरकार के संज्ञान में ऐसी कोई सूचना नहीं लाई गई है।
किसने पूछा सवाल?
ये सवाल कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सदस्य विसेंट एच पाला और जसबीर सिंह गिल ने पूछा था। उन्होंने पूछा कि क्या यह शब्द (टुकड़े-टुकड़े गैंग) किसी तरह की विशिष्ट जानकारी पर आधारित है? साथ ही कांग्रेस नेताओं ने यह भी पूछा कि क्या मंत्रालय या खुफिया एजेंसी के पास 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के कथित नेताओं और सदस्यों की कोई सूची तैयार है?
आरटीआई भी दाखिल हुई थी
बता दें इससे पहले एक आरटीआई के जरिए भी सरकार से 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के बारे में पूछा गया था। जिसके जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था कि उनके पास इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह अकसर अपने भाषणों में टुकड़े-टुकड़े गैंग का जिक्र करते हैं। इसे लेकर कार्यकर्ता साकेत गोखले ने 26 दिसंबर को ये आरटीआई दाखिल की थी।
कब से शुरू हुआ टुकड़े-टुकड़े गैंग का जिक्र
टुकड़े-टुकड़े गैंग की चर्चा पहली बार फरवरी 2016 में हुई थी। उस वक्त दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 'देश विरोधी नारे' लगाए गए थे। नारे लगाने वालों और उनका समर्थन करने वालों के लिए 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' का तभी से इस्तेमाल किया जाता है। बीते करीब पांच साल से टुकड़े-टुकड़े गैंग साधारण बोलचाल का शब्द बन गया है, जिसका कई नेताओं ने काफी इस्तेमाल भी किया है।
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