फिलहाल स्मॉग से नहीं मिलेगी राहत, 30 नवंबर तक बढ़ सकता है पराली जलाने का सीजन
नई दिल्ली। दिल्लीवालों को फिलहाल स्मॉग और जहरीले धुंए से राहत मिलती नहीं दिख रही है। क्योंकि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि, पंजाब और हरियाणा में फसल कटाई 30 नवंबर से पहले खत्म होने की उम्मीद नहीं है। जिसके चलते पराली जलाने की घटनाएं सामने आती रहेंगी। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 की मात्रा लगभग 13% थी। हालांकि, गुरुवार को शांत हवा स्मॉग को हटाने के लिए सफल नहीं रही।
SAFAR के एक वैज्ञानिक ने कहा कि, गुरुवार को दिल्ली के प्रदूषण में स्टब बर्निंग का 13% योगदान था। संचयी योगदान लगभग 30% था क्योंकि हवा इतनी तेज नहीं थी कि प्रदूषण के कणों को उड़ा दे। जिसके चलते आमतौर पर अंतिम दिन प्रदूषण फैल जाता है। हालांकि, पृथ्वी विज्ञान के मौसम और वायु गुणवत्ता केंद्र ने भविष्यवाणी की थी कि हवा की गति में वृद्धि के कारण खेत की आग शुक्रवार को 5% तक कम होने की उम्मीद है।
SAFAR बुलेटिन में बताया है कि, कि शनिवार को पंजाब और हरियाणा में बारिश की संभावना है। जिसके चलते पराली जलाने का सीजन और आगे बढ़ सकता है। हरियाणा में धान की कटाई इन पांच जिलों फतेहाबाद, सिरसा, जींद, हिसार और कैथल में अभी होनी है। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एस नारायणन ने कहा कि पिछले साल राज्य के पराली जलने के मामलों में अकेले फतेहाबाद और सिरसा जिलों का योगदान 45% था।
एस नारायणन ने कहा कि अगले दो सप्ताहों के बाद मैं कह सकता हूं कि, अब पराली जलाने का सीजन खत्म हो गया है। फतेहाबाद और सिरसा में फसल अवशेषों को जलाने की कई घटनाएं हुई हैं और हम यहां के गांवों पर कड़ी नजर रखेंगे। 20 सितंबर और 14 नवंबर के बीच, हरियाणा से पराली जलने के 6,104 मामले दर्ज किए गए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 7,885 मामले सामने आए थे।
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