कर्नाटक के हम्पी में नहीं आया कोई भूकंप, सॉफ्टवेयर ने दिया गलत अलार्म, KSNDMC ने दी जानकारी
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच शुक्रवार सुबह खबर आई कि झारखंड और कर्नाटक में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, झारखंड के जमशेदपुर में आज सुबह 6.55 पर भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.7 बताई गई तो वहीं कर्नाटक के हिम्पी में भी आज सुबह 6.55 पर धरती हिलने लगी, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई, लेकिन अब खबर आ रही है कि कर्नाटक के हिम्पी में कोई भी भूकंप नहीं आया था, यह सॉफ्टवेयर द्वारा गलत अलार्म दिया गया था।
कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र बेंगलुरु
कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र बेंगलुरु के वैज्ञानिक अधिकारी जगदीश ने कहा कि हम्पी में भूकंप की कोई घटना दर्ज नहीं की गई है, यह अवलोकन तुंगभद्रा बांध भूकंपीय वेधशाला, होस्पेट से किया गया है।
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बेंगलुरु के वैज्ञानिक अधिकारी जगदीश ने कही बड़ी बात
कभी-कभी सॉफ्टवेयर के अलार्म का मतलब भूकंप का विश्लेषण स्पाइक्स से होता है और तब यह एक अमान्य रिपोर्ट देता है। यह एक ऐसी रिपोर्ट है जो राउंड पर होती है, इसे ऑटो-ट्रिगर घटना कहा जाता है, जो सॉफ्टवेयर द्वारा स्वचालित रूप से होती है।
क्या होता है भूकंप
भूकंप या भूचाल पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते हैं। यह पृथ्वी के स्थलमण्डल (लिथोस्फ़ीयर) में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकंपीय तरंगों की वजह से होता है। भूकंप बहुत हिंसात्मक हो सकते हैं और कुछ ही क्षणों में लोगों को गिराकर चोट पहुंचाने से लेकर पूरे नगर को ध्वस्त कर सकने की इसमें क्षमता होती है।
भूकंप का मापन भूकंप मापी यंत्र से किया जाता है
भूकंप का मापन भूकंप मापी यंत्र से किया जाता है, जिसे सीस्मोग्राफ कहा जाता है। एक भूकंप का आघूर्ण परिमाण मापक्रम पारंपरिक रूप से नापा जाता है, 3 या उस से कम रिक्टर परिमाण की तीव्रता का भूकंप अक्सर अगोचर होता है, जबकि 7 रिक्टर की तीव्रता का भूकंप बड़े क्षेत्रों में गंभीर क्षति का कारण होता है। झटकों की तीव्रता का मापन विकसित मरकैली पैमाने पर किया जाता है।
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