एनपीआर के लिए किसी भी तरह के दस्तावेज को दिखाने की जरूरत नहीं: केंद्र सरकार
नई दिल्ली। एनआरसी को लेकर जिस तरह से हंगामा और विरोध प्रदर्शन हो रहा है उसके बीच केंद्र सरकार ने इस मामले पर बड़ा बयान दिया है। बुधवार को सरकार की ओर से साफ किया गया है कि किसी को भी घर घर सर्वे के दौरान एनआरसी में अपना नाम अपडेट कराने के लिए दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि एनआरसी अपडेट के लिए घर घर होने वाले सर्वे में लोग जो जानकारी मुहैया कराएंगे उसे स्वीकार किया जाएगा।
ट्वीट कर दी गई सफाई
गृह मंत्रालय की ओर से कई ट्वीट करके इस मामले में सफाई दी गई है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से किए गए ट्वीट में द हिंदू की खबर का खंडन किया गया है और कहा गया है कि खबर में जो जानकारी दी गई है वह गलत है, एनपीआर की प्रक्रिया की सही जानकारी के बगैर यह खबर छापी गई है। बता दें कि द हिंदू ने खबर प्रकाशित की थी कि एनपीआर ट्रायल फॉर्म को सरकार की रजामंदी मिली। गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि खबर में सरकारी अधिकारी का गलत बयान छापा गया है।
सर्वे में नहीं दिखाना होगा दस्तावेज
एक बार फिर से गृह मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि सरकार ने साफ किया है कि किसी को भी किसी भी तरह के दस्तावेज को एनपीआर सर्वे के लिए दिखाने की जररूत नहीं है। लोग सर्वे के दौरान जो जानकारी मुहैया कराएंगे उसे स्वीकार किया जाएगा। बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 27 दिसंबर को बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने की मंजूरी दे दी है। इसके अपडेशन के काम के लिए 8500 करोड़ रुपये के फंड को भी अनुमति दी गई है। जानकारी के मुताबिक हर नागरिक के लिए रजिस्टर में नाम दर्ज कराना जरूरी होगा। एनपीआर में ऐसे लोगों का लेखा जोखा होगा, जो किसी इलाके में 6 महीने या उससे अधिक समय से रह रहे हों।
प्रक्रिया होगी शुरू
बता दें कि एनपीआर (National Population Register) अपडेट करने की प्रक्रिया इसी वर्ष शुरू होगी। ये एक तरह से देश के नागरिकों का रजिस्टर होगा। इससे पहले साल 2010 में डाटा एकत्रित किया गया था। ये काम उस वक्त हुआ जब 2011 की जनगणना के लिए आंकड़े जुटाए गए थे। अधिकारियों का कहना है कि 2015 में घर-घर जाकर किए गए सर्वेक्षण और अपडेट के लिए डाटा डिजिटलाइजेशन का काम पूरा हो गया है।
Following story has appeared in @the_hindu.
The line taken by the story is incorrect, without taking into account the factual position for conducting NPR.
Following is an explanatory thread on the same:https://t.co/jYh5VTReid
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— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) January 1, 2020