भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल समिट में नहीं उठा चीन का मुद्दा, पीएम मॉरिसन ने संबंधों को मजबूत करने पर दिया जोर
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन के साथ वर्चुअल मीटिंग की। ये पहला मौका था जब भारत ने ऑनलाइन समिट के जरिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस बैठक में रक्षा क्षेत्र से जुड़े कई अहम समझौते हुए हैं, जिसके तहत अब दोनों देश एक-दूसरे के मिलिट्री बेस का इस्तेमाल कर सकेंगे। उम्मीद जताई जा रही थी कि इस वर्चुअल समिट में चीन से जुड़े मुद्दे उठ सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम मॉरिसन के समोसे की तारीफ की।
मामले में विदेश मंत्रालय की सचिव विजय ठाकुर सिंह ने बताया कि वर्चुअल समिट में चीन से संबंधित किसी भी मुद्दे पर बात नहीं की गई। इस बैठक में पीएम मॉरिसन ने भारत-ऑस्ट्रेलियाई साझेदारी को प्राकृतिक और आरामदायक बताया है। पीएम मॉरिसन ने भारत को आत्मविश्वास और संप्रभुत्व राष्ट्रों के रूप में वर्णित किया, जो एक-दूसरे के विश्वसनीय साझेदार हैं। विजय ठाकुर के मुताबिक दोनों देशों ने एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिए संबंध बढ़ाने पर खुशी जाहिर की है। इस दौरान पीएम मोदी ने समोसे पर ऑस्ट्रेलियाई पीएम मॉरिसन के ट्वीट का जिक्र किया। इसके जवाब में पीएम मॉरिसन ने कहा कि मौजूदा वक्त में समोसा बहुत ही लोकप्रिय शब्द बन गया है।
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क्या
है
डील?
जो
डील
भारत
और
ऑस्ट्रेलिया
के
बीच
साइन
हुई
है,
उसे
म्युचुअल
लॉजिस्टिक्स
सपोर्ट
एग्रीमेंट
(एमएलएसए)
नाम
दिया
गया
है।
इस
डील
के
तहत
दोनों
देशों
की
सेनाएं
रिपेयर
और
सप्लाई
की
पूर्ति
के
अलावा
रक्षा
संबंधों
को
बढ़ाने
के
लिए
मिलिट्री
बेस
का
प्रयोग
कर
सकेंगी।
भारत
ने
अमेरिका,
फ्रांस
और
सिंगापुर
के
साथ
भी
इसी
तरह
का
करार
किया
हुआ
है।
विदेश
मंत्रालय
के
मुताबिक
दोनों
पक्ष
इस
बात
पर
रजामंद
हुए
हैं
कि
सैन्य
अभ्यासों
में
मौजूद
दायरे
और
जटिलताओं
को
बढ़ाकर
आपसी
साझा
सुरक्षा
चुनौतियों
से
निपटने
के
नए
रास्ते
तलाशे
जा
सकते
हैं।