बिप्लब देब बोले- त्रिपुरा में सिटिजन रजिस्टर की कोई मांग नहीं
नई दिल्ली। असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) ड्राफ्ट के मुद्दे पर सियासी घमासान तेज होता जा रहा है। मंगलवार को संसद में इस मुद्दे की गूंज देखने को मिली और जमकर हंगामा भी हुआ। एनआरसी पर मचे घमासान के बीच त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) की जरूरत नहीं है। यहां सबकुछ ठीक है ऐसे में एनआरसी की कोई मांग नहीं है।
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नागपुर में त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने आगे कहा कि एनआरसी का मुद्दा असम के लिए भी संवेदनशील मुद्दा नहीं है। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल इसे मैनेज करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस मामले को लेकर आतंक फैलाने और भय का वातावरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बिप्लब देब मंगलवार को नागपुर में थे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से की मुलाकात
नागपुर में बिप्लब कुमार देब ने कहा कि त्रिपुरा में सबकुछ तय नियम के अनुसार है और सभी के पास मान्य दस्तावेज भी हैं। ऐसे में एनआरसी हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीति में कुछ लोग "विदेशी मानसिकता" रखते हैं, जो माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। एनआरसी में असम के भारतीय नागरिकों के नाम शामिल हैं।
NRC ड्राफ्ट पर बोले बिप्लब देब
असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) का दूसरा ड्राफ्ट जारी किया गया है। इस ड्राफ्ट में 40 लाख लोगों को जगह नहीं मिली है। एनआरसी के दूसरे ड्राफ्ट की लिस्ट पर गौर करें तो उत्तर-पूर्वी राज्य असम में कुल 3.29 करोड़ आवेदक थे, जिनमें 2.89 करोड़ लोगों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। उन्हें भारतीय नागरिक माना गया है। वहीं जिन 40 लाख लोगों का नाम इस लिस्ट में नहीं है उन्हें वैध नागरिक नहीं पाया गया है, हालांकि उन्हें निर्वासित नहीं किया जाएगा।
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