पेरिस में राफेल दफ्तर से कोई डेटा नहीं हुआ चोरी: IAF
नई दिल्ली। राफेल प्रोजेक्ट टीम के ऑफिस में बीते 19 मई को घुसपैठ का मामला सामने आया था, जिसके बाद इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि, की कम्प्यूटर से कोई जरुरी दस्तावेज चोरी न किए गए हों। इस घटना के बाद भारत ने एक साइबर फोरेंसिक टीम को मामले की जांच करने पेरिस भेजा था। इस मामले में रक्षा अधिकारियों द्वारा मीडिया को बताया गया कि, "तीन सदस्यों वाले वायु सेना के साइबर फोरेंसिक ने पाया है कि भारतीय राफेल प्रोजेक्ट मैनेजेंट टीम के ऑफिस से कोई डेटा चोरी नहीं किया गया था।"
बता दें कि, इस घटना के सामने आने के तत्काल बाद तीन सदस्यों की फॉरेंसिक टीम को तत्काल पेरिस रवाना कर दिया गया था। उन्हें निर्देशित किया गया था कि वो इस बात की जांच करें कि रॉफेल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम के ऑफिस से किसी भी तरह के दस्तावेज या फिर कॉपी चोरी तो नहीं हुई है। बीते मई माह में पेरिस स्थित रॉफेल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम के ऑफिस में कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा तोड फोड् की गई थी जिसके बाद चोरी होने की आशंका जताई गई थी।
रक्षा मंत्रालय को भी इस बात की सूचना दे दी गई है कि, तोड फोड के दौरान कार्यालय से कोई भी डेटा चोरी नहीं हुई थी। राफेल प्रोजेक्ट टीम का नेतृत्व एक ग्रुप कैप्टन-रैंक का अधिकारी करता है, जो 36 राफेल लड़ाकू विमानों से संबंधित मामले की पूरी देखभाल करता है।
इसके अलावा ये अधिकारी विमानों के उत्पादन से लेकर भारतीय सैनिकों के प्रशिक्षण पर भी पूरी नजर रखता है। यही टीम राफेल विमानों से संबंधित दस्तावेजों की देखभाल भी करती है। पेरिस स्थित भारतीय वायुसेना की राफेल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का दफ्तर राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दासौ एविएशन के परिसर में ही है।