जेटली का इशारा, तेल पर कम नहीं होगा उत्पाद शुल्क, कहा- नागरिक ईमानदारी से भरें टैक्स
नई दिल्ली: राजस्व स्रोत के रूप में तेल पर निर्भरता को कम करने के लिए, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को नागरिकों से ईमानदारी से टैक्स देने की अपील की, इसके साथ ही उन्होंने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में किसी भी कटौती से इंकार कर दिया और कहा कि सरकार अगर ऐसा करती है तो उसके सामने कांग्रेस सरकार वाली परिस्थिति पैदा हो जाएगी जहां विकास कार्यों के लिए उसे विदेशी बैंकों से कर्ज का सहारा लेना पड़ जाएगा।
'टैक्स ईमानदारी से चुकता करें, कम हो जाएंगे दाम'
अरुण जेटली ने कहा कि सैलरी क्लास अपना टैक्स देते हैं उसी प्रकार बाकी वर्गों को भी टैक्स ईमानदारी से चुकता करने की कोशिश करनी चाहिए। जेटली ने देश की सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील की और कहा कि वह देश में टैक्स की चोरी को पूरी तरह से खत्म करने में मदद करें ताकि सरकार का राजस्व बढ़ सके।
गैर-पेट्रोल-डीजल उत्पादों पर टैक्स से राजस्व में इजाफा करने की कोशिश
वहीं अरुण जेटली ने संकेत दिए हैं कि गैर पेट्रोल-डीजल राजस्व पर सरकार अपना ध्यान केन्द्रित करेगी। मतलब साफ है कि अगले कुछ वर्षों के दौरान केन्द्र सरकार की कवायद गैर-पेट्रोल-डीजल उत्पादों पर टैक्स से राजस्व में इजाफा करने की है, क्योंकि पेट्रोल-डीजल पर और अधिक राजस्व थोपने की गुंजाईश बची भी नहीं है।
'भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल'
फेसबुक पोस्ट के जरिए अरूण जेटली ने कहा कि मार्च तिमाही में 7.7 फीसदी की वृद्धि ने भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया है और भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने जीडीपी वृद्धि में 2% की गिरावट की भविष्यवाणी की थी, वे निश्चित रूप से गलत साबित हुए हैं। पिछले 4 सालों में केन्द्र सरकार ने जीडीपी अनुपात में सुधार किया है। जेटली ने कहा कि जिस तरह सरकार ने बीते चार साल के दौरान जीडीपी की तुलना में अपने राजस्व में 1.5 फीसदी का इजाफा किया है उसी तर्ज पर वह अगले चार साल में एक बार फिर टैक्स-डीजीपी अनुपात में 1.5 फीसदी का इजाफा करना चाहती है।