‘ISRO के निर्माण में नेहरू का योगदान नहीं’, क्या ये कहना सही?
भारत के एंटी-सैटेलाइट परीक्षण के बाद सोशल मीडिया पर बहुत सारी ऐसी पोस्ट्स देखी जा सकती हैं जिनमें ये कहा गया है कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की स्थापना में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का कोई योगदान नहीं था.
भारत के एंटी-सैटेलाइट परीक्षण के बाद सोशल मीडिया पर बहुत सारी ऐसी पोस्ट्स देखी जा सकती हैं जिनमें ये कहा गया है कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की स्थापना में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का कोई योगदान नहीं था.
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में दुनिया की चौथी महाशक्ति बन गया है और भारतीय वैज्ञानिकों को एक लाइव सैटेलाइट को नष्ट करने में सफ़लता हासिल हुई है.
वैज्ञानिकों की इस बड़ी सफ़लता को लेकर भारत में खुशी मनाई गई. दक्षिणपंथी रुझान वाले सोशल मीडिया ग्रुप्स में इस उपलब्धि का श्रेय पीएम मोदी को दिया गया.
तो विपक्षी दलों का समर्थन करने वालों ने कहा कि पीएम मोदी चुनाव से पहले वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि का श्रेय छीनकर उसे वोटों में तब्दील करने की कोशिश कर रहे हैं.
बहरहाल, जिन सोशल मीडिया पोस्ट्स में नेहरू के बारे में लिखा गया है, उनके अनुसार नेहरू का देहांत 27 मई 1964 को हुआ था जबकि इसरो की स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुई थी.
बहुत सारे लोगों ने यह सवाल उठाया है कि जब इसरो की स्थापना से पहले ही नेहरू का देहांत हो गया था, तो वो इस संस्थान की स्थापना कैसे कर सकते हैं?
अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अनुसार इन दो तारीख़ों के आधार पर यह सवाल उठाना वाजिब नहीं है.
क्या है सच?
आधिकारिक रूप से इसरो की स्थापना परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत 15 अगस्त 1969 को हुई थी. यानी जवाहर लाल नेहरू के देहांत से पाँच साल बाद.
लेकिन इसी विभाग के अंतर्गत INCOSPAR (इंडियन नेशनल कमेटी फ़ॉर स्पेस रिसर्च) नाम की एक इकाई 16 फ़रवरी 1962 से कार्यरत थी जिसे बाद में इसरो नाम दिया गया.
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉक्टर विक्रम साराभाई के नेतृत्व में 'इंडियन नेशनल कमेटी फ़ॉर स्पेस रिसर्च' की स्थापना की थी.
नेहरू ने यह फ़ैसला अपने देहांत से दो साल पहले लिया था.
इसरो की आधिकारिक वेबसाइट पर भी इस अंतरिक्ष रिसर्च एजेंसी की स्थापना में नेहरू और डॉक्टर साराभाई के योगदान का उल्लेख किया गया है.
वेबसाइट पर लिखा है, "भारत ने अंतरिक्ष में जाने का फ़ैसला तब किया था जब भारत सरकार ने साल 1962 में 'इंडियन नेशनल कमेटी फ़ॉर स्पेस रिसर्च' की स्थापना की थी."
अगर इस संस्था के गठन का श्रेय जवाहर लाल नेहरू से ले भी लिया जाए तो यह इंदिरा गांधी की झोली में चला जाता है क्योंकि अगस्त 1969 में भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं और जिस समय औपचारिक रूप से इसरो की शुरुआत हुई उस समय देश में कांग्रेस की ही सरकार थी.
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