मोदी के मंत्री ने क्यों कहा, सोनिया का गणित कमजोर है?
सोनिया के इस बयान पर अब संसदीय कार्य मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा है कि उनका गणित कमजोर है।
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ने बारिश के मौसम में भी दिल्ली की गर्मी बढ़ा दी है। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सरकार का कहना है कि विपक्ष के पास नंबर नहीं हैं, जबकि हमारे पास संसद के बाहर और अंदर दोनों जगह बहुमत है। इस बीच यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने जब कहा, 'कौन कहता है कि उनके पास संख्याबल नहीं है' तो हलचल और तेज हो गई। सोनिया के इस बयान पर अब संसदीय कार्य मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा है कि उनका गणित कमजोर है।
'1996 में भी गलत थी सोनिया गांधी की कैलकुलेशन'
सोनिया गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने गुरुवार को कहा, 'सोनिया जी का गणित कमजोर है। उन्होंने 1996 में भी इसी तरह की कैलकुलेशन की थी। हम सभी जानते हैं कि उस वक्त क्या हुआ था। उनका गणित कमजोर होने के इस बार भी उनकी कैलकुलेशन गलत है। मोदी सरकार के पास सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह पूर्ण बहुमत है। हमारे पास 272 सांसद हैं और ये संख्या बढ़ रही है। आप हमें हर दिशा से समर्थन मिलता हुआ देखेंगे।'
और ये है भाजपा का गणित
आपको बता दें कि बुधवार को सोनिया गांधी से जब संख्याबल को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'कौन कहता है कि उनके पास संख्याबल नहीं है। सोनिया गांधी के इस बयान के बाद सियासी हलचल तेज हो गईं। यह चर्चा होने लगी कि आखिर विपक्ष के पास वो कौन सा तुरुप का इक्का है, जिसके बल पर सोनिया गांधी ने ये बयान दिया है। भाजपा के रणनीतिकारों को मुताबिक 535 सांसदों वाली लोकसभा में खुद के 274 सांसदो को मिलाकर उसके पास 312 सांसद हैं, जबकि बहुमत परीक्षण के लिए 268 सांसद ही चाहिएं।
ना-नुकर के बाद शिवसेना की हां
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बीच भाजपा संख्याबल को लेकर इसलिए भी आश्वस्त है क्योंकि 'ना-नुकर के बाद' गुरुवार को शिवसेना ने अपने सांसदों को संसद में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया और मोदी सरकार के साथ खड़ी हो गई। शिवसेना के लोकसभा में 18 सांसद हैं। वहीं, 37 लोकसभा सांसदों वाली एआईएडीएमके ने भी अविश्वास प्रस्ताव पर मोदी सरकार के पक्ष में वोटिंग करने का ऐलान किया। विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को सदन में चर्चा होगी।
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