मुंबई में समुद्र तटों, नदी किनारे, तालाबों में छठ पूजा बैन
मुबई। बिहार और पूर्वांचल में प्रमुख रूप से मनाए जाने वाला महापर्व छठ 20 को शुरू होगा और 21 नवंबर को सपंन्न होगा। इस पर्वे का हिंदू धर्म में बहुत विशेष महत्व है। छठ पूजा नदी, तालाब या पोखरे किनारे घाट सजाकर मनाया जाता है परंतु इस बार कोरोना महामारी के चलते देश की राजधानी दिल्ली समेत कुछ ऐसे राज्य हैं जहां छठ पर्व पर सार्वजनिक स्थान पर जाकर पूजा करने पर बैन लगा दिया गया है। इसी क्रम में बीएमसी ने भी मुंबई में समुद्र तटों, नदी किनारे, तालाबों में छठ पूजा की अनुमति नहीं दी है। आपको बता दें कि कोरोना के मुंबई में आज 541 नए केस पाए गए, वहीं इस महामारी से 14 लोगों की मौत हुई हैं। राहत की बात है कि 1565 मरीज ठीक भी हुए हैं।
दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा पर लगाया बैन
दिल्ली सरकार के अनुसार दिल्ली में कोरोना कह तीसरी लहर सीमा के पार पहुंच चुकी हैं यहीं कारण हे कि इस वर्ष छठ पूजा का आयोजन सार्वजनिक स्थलों पर करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि सरकार न श्रद्धालुओं को अपने-अपने घरों में या किसी निजी स्थल पर छठ पर्व मनाने की छूट दी है। छठ पर्व के लिए कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी होगा।
दिल्ली में किसी भी सार्वजनिक स्थल, सार्वजनिक ग्राउंड, घाट और मन्दिर में नवम्बर के महीने में छठ पूजा का आयोजन नहीं होगा। सभी जिलों के डीएम और डीसीपी को आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है। DDMA द्वारा इससे संबंधित आदेश जारी किया गया है। दिल्ली सरकार के इस आदेश के विरोध में मंगलवार को भाजपा के पूर्वांचल मोर्चा के सदस्यों ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध मार्च भी निकाला।