सिक्खों के कृपाण पहनने पर कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सह ने कर्नाटक सरकार की ओर से सिखों को कृपाण पहनने पर लगाई पाबंदी की कड़े शब्दों में निंदा की थी
नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार ने कहा है कि सिक्खों के कृपाण रखने पर कोई नहीं है वो राज्य में पहले की तरह कृपाण पहन कर सफर कर सकते है। इससे पहले कर्नाटक सरकार की तरफ से सिक्खो के कृपाण पहनने पर रोक लगाए जाने की बात कही गई थी।
कर्नाटक सरकार की तरफ से कहा गया है कि 9 इंच लंबा और 2 इंच चौड़ा कृपाण आर्म्स रूल 2016 के अंतर्गत बैन नहीं किया गया इसलिए कर्नाटक में पहले की तरह सिक्स समुदाय के लोग कृपाण पहन सकते हैं।
इससे पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सह ने कर्नाटक सरकार की ओर से सिखों को कृपाण पहनने पर लगाई पाबंदी की कड़े शब्दों में निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि संविधान की धारा 25 के अनुसार धर्म की आजादी के नियमों के अनुसार सिखों को सारे भारत के अंदर कृपाण पहनने के लिए छूट है। बावजूद कृपाण पहनने पर कर्नाटक सरकार द्वारा लगाई पाबंदी सिख धर्म में सीध हस्तक्षेप है। इस मामले की गंभीरता से लेते हुए एसजीपीसी भारत सरकार के साथ बातचीत करे।
ज्ञानी गुरबचन सहने कहा था कि कृपाण सिखों का एक धार्मिक चिह्न है। देश के अलग अलग स्थानों पर सिखों की धार्मिक आजादी का गला घोंटा जा रहा है। जो पूरी तरह गैर संवैधानिक है। पंजाब और केंद्र सरकारें इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस मामले में सार्थक कदम उठाए। ताकि कर्नाटक सरकार के रवैये से सिखों के अंदर फैल रही पक्षपात की भावना को खत्म किया जाए।