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राफेल डील में सरकार ने कंपनी को दी थी बैंक गारंटी से छूट, बढ़ गई थी हर जेट की कीमत

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नई दिल्‍ली। राफेल सौदे पर अखबार द हिंदु की एक नई रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक फ्रेंच कंपनी डसॉल्‍ट एविएशन को सरकार की ओर से बैंक गारंटी देने से छूट दी गई थी। अखबार का दावा है किबैंक गारंटी की जगह कंपनी को 'लेटर ऑफ कम्‍फर्ट' दिया गया। बैंक गारंटी न होने की वजह से ही राफेल डील और महंगी हो गई थी। अखबार की ओर से कहा गया है कि डील के लिए बातचीत करने वाली सात सदस्यीय भारतीय टीम ने 21 जुलाई, 2016 को रक्षा मंत्रालय को दी अपनी रिपोर्ट में यह बताया था कि बैंक गारंटी से छूट देने की लागत 57.4 करोड़ यूरो तक होगी।

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कितने महंगे हो गए राफेल

इसकी वजह से 23 सितंबर, 2016 को हुआ 36 फ्लाइवे जेट्स के लिए 7.87 अरब यूरो की जो डील हुई थी, वह यूपीए सरकार के सौदे के मुकाबले 24.61 करोड़ यूरो महंगा हो गई। एन राम की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 36 राफेल जेट खरीदने के लिए बनी नेगोसिएशन टीम की डिटेल्‍ड रिपोर्ट उसने देखी है। इस रिपोर्ट के पैरा 21, 22 और 23 में इस बात का विवरण दिया गया है कि आखिर किस तरह से बैंक गारंटी को खत्म करने की लागत 57.4 करोड़ यूरो तक होती है। यह आंकड़ा बैंक के दो प्रतिशत सालाना कमीशन, भारतीय बैंक के कन्फर्मशन चार्ज के आधार पर तय किया गया था। इसके बारे में एसबीआई ने दो मार्च 2016 को जानकारी दी थी। बैंक की ओर से कहा गया था कि गारंटी हटाने से असर डील की कीमत से 7.28 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।

फ्रांस पर टीम की ओर से बनाया गया दबाव

रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ कि भारतीय नेगोशि‍एशन टीम, फ्रांस पर बार-बार यह दबाव बना रही थी कि डील में बैंक गारंटी दी जाए। कानून एवं न्याय मंत्रालय ने भी दिसंबर, 2015 में लिखि‍त रूप से यह सलाह दी थी कि एक कानूनी सुरक्षा उपाय के रूप में फ्रांस से बैंक गारंटी ली जानी चाहिए, क्योंकि इस सौदे में काफी बड़ी रकम लगने वाली है। लेकिन आईएनटी की फाइनल अंतिम रिपोर्ट में इस मामले में चुप्पी साध ली गई है कि बैंक गारंटी न मिलने का कॉमर्शियल असर क्या होगा। सुप्रीम कोर्ट को दी अपनी रिपोर्ट में सरकार ने कहा है कि राफेल सौदा इसके पहले के एमएमआरसीए खरीद प्रक्रिया से 'बेहतर शर्तों' पर हुआ है। अखबार के अनुसार, सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने फ्रांसीसी कंपनी को बैंक गांरटी की जरूरत से राहत दे दी। इसकी जगह फ्रांस के प्रधानमंत्री के 'लेटर ऑफ कॉम्फर्ट' को ही स्वीकार कर लिया गया जिसकी कानूनी रूप से कोई बाध्यता नहीं है।

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English summary
No bank guarantees meant a more expensive new Rafael deal a new claim made by The Hindu.
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