मनमोहन को असम से राज्यसभा भेजने के लिए कांग्रेस के पास नहीं है ताकत, करना होगा इंतजार
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दोबारा राज्यसभा में भेजने के लिए कांग्रेस को कुछ समय इंतजार करना पड़ सकता है। कांग्रेस के पास मौजूदा समय में इतनी ताकत नहीं है कि उन्होंने राज्यसभा भेज सके। ऐसे में मनमोहन को कुछ समय के लिए इस्तीफा देने के बाद राज्यसभा से बाहर बैठना पड़ सकता है। उनका राज्यसभा के सांसद के तौर पर कार्यकाल इस जून के अंत में खत्म हो रहा है। वो पांच बार राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं। पीएम रहते हुए भी राज्यसभा सांसद थे।
'मनमोहन सिंह का 14 जून को खत्म हो रहा है कार्यकाल'
कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में दस साल तक पीएम रहने वाले मनमोहन सिंह का मौजूदा राज्यसभा के 6 साल का कार्यकाल 14 जून को खत्म हो रहा है। चुनाव आयोग ने असम से खाली हो रही राज्यसभा की दी सीटों को भरने के लिए सात जून को चुनाव कराने का एलान किया है। इस समय एक सीट से मनमोहन सिंह सांसद हैं वहीं दूसरी सीट का प्रतिनिधित्व एस कुजूर कर रहे हैं। कुजूर भी कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा सदस्य हैं।
कांग्रेस के पास नहीं है ताकत
असम विधानसभा मे कांग्रेस के पास इतने विधायक नहीं है कि उन्हें दोबारा राज्यसभा में भेजा जाए। राज्य में इस समय बीजेपी की सरकार है। सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि बीजेपी खाली वाली सीटों में से एक सीट की पेशकश लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान को कर सकती है। गौरतलब है कि पासवान इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और उन्हें राज्यसभा भेजने की डील लोकसभा चुनाव के समय हो चुकी है।
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कांग्रेस मनमोहन को एक कार्यकाल और देने की इच्छुक
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पार्टी अगर मनमोहन सिंह को एक और कार्यकाल देने का फैसला लेती है तो उसे कुछ राज्यसभा सासंदों के लोकसभा चुनाव 2019 में जीतने पर खाली होने वाली राज्यसभा सीटों में से एक पर भेजना होगा। तमिलनाडु में जुलाई में 6 सीटें खाली हो रही हैं। यदि पार्टी चाहेगी तो डीएमके कांग्रेस को एक सीट की पेशकश कर सकती है। ऐसा नहीं होने पर कांग्रेस को 2020 तक इंतजार करना पड़ सकता है, जब विभिन्न राज्यो में 55 सीटें खाली होंगी। इनमें कांग्रेस को कुछ सीटें मिल सकती है और वो मनमोहन को एक सीट से राज्यसभा भेज सकते हैं।
सात जून को चुनाव
असम में खाली हो रही दो सीटों के लिए आयोग ने सात जून को चुनाव कराने की घोषणा की है। इसके लिए 21 मई को अधिसूचना जारी की जाएगी। वोटों की गिनती मतदान के एक घंटे बाद सात जून को शाम 4.30 बजे की जाएगी। राज्यसभा सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष चुनाव प्रक्रिया द्वारा किया जाता है। राज्य के विधानसभा सदस्यों द्वारा एकल हस्तांतरणीय वोट के माध्यम से आनुपातिक प्रतिनिधित्व की प्रणाली के अनुसार राज्यसभा सदस्य चुना जाता है।
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