Nizamuddin event : मस्जिद से बेहतर मरने की कोई जगह नहीं.....मौलाना साद का ऑडियो वायरल
नई दिल्ली। तबलीगी मरकज मामले में दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद पर FIR दर्ज किया है, पुलिस ने आइपीसी की धारा 269, 270, 271, 120 बी के तहत कार्रवाई की है, फिलहाल मौलाना फरार हैं लेकिन इसी बीच एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो कि तबलीगी जमात के मौलाना साद का बताया जा रहा है, जिसमें वो सरकार विरोधी बातें करते सुनाई दे रहे हैं।
'मरने के लिए मस्जिद से अच्छी जगह नहीं हो सकती है'
ऑडियो में वह कोरोना का जिक्र करते हुए कहते हैं कि मरने के लिए मस्जिद से अच्छी जगह नहीं हो सकती है, वो अपने ऑडियो में कहते सुनाई देते हैं कि ये ख्याल बेकार है कि मस्जिद में जमा होने से बीमारी पैदा होगी, मैं कहता हूं कि अगर तुम्हें यह दिखे भी कि मस्जिद में आने से आदमी मर जाएगा तो इससे बेहतर मरने की जगह कोई और नहीं हो सकती, इससे साफ है कि उन्हें पहले से पता था कि ऐसे जुटने से कोरोना का खतरा है, इस दौरान वहां कुछ लोग पीछे से खांस भी रहे हैं।
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'कुरान नहीं अखबार पढ़ते हैं और डर जाते हैं'
यही नहीं वायरल ऑडियो में साद कह रहे हैं कि अल्लाह पर भरोसा करो, कुरान नहीं पढ़ते, अखबार पढ़ते हैं और डर जाते हैं, भागने लगते हैं, अल्लाह कोई मुसीबत इसलिए लाता है कि देख सके कि इसमें मेरा बंदा क्या करता है, अगर कोई कहे कि मस्जिदों को बंद कर देना चाहिए, ताले लगा देना चाहिए क्योंकि इससे बीमारी बढ़ेगी तो आप ख्याल को दिल से निकाल दो।
'मुसलमानों को मुसलमानों से अलग करने की साजिश'
वायरल ऑडियो में साद कह रहे हैं कि अल्लाह पर यकीन न रखने वालों की चाल और स्कीमें मुसलमानों को बीमारी से बचाने के बहाने से मुसलमानों को रोकने के लिए आ गई हैं। उन्हें मुसलमानों को रोकने और बिखेरने की तरकीब नजर आ गई है ताकि इनके दिल में हमेशा के लिए ये बात बैठ जाए कि किसी के पास मत जाओ, किसी के पास मत बैठो नहीं तो बीमारी लग जाएगी। आज अगर इस बीमारी की वजह से मुसलमानों के अकीदत बदल जाते हैं तो बीमारी तो खत्म हो जाएगी, लेकिन अकीदत खत्म नहीं होगी, ये बीमारी बदल जाएगी, लेकिन तुम्हारे माशरे के आदाब, तुम्हारे साथ बैठना, एक प्लेट में खाना, इसका असर मुद्दतों के आसारे कभी खत्म ना हो, ये तो मुसलमानों के दरमियां शक पैदा करने, इनके दरमियां मोहब्बत खत्म करने के लिए एक प्रोग्राम तैयार किया गया है, एक प्रोग्राम बनाया गया है कि मुसलमानों को मुसलमानों से अलग करने के लिए ये बहाना अच्छा है।
मुहम्मद इलियास कंधलावी के परपोते हैं साद
मालूम हो कि मौलाना साद का पूरा नाम मौलाना मुहम्मद साद कंधलावी है। वह भारतीय उपमहाद्वीप में सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन तबलीगी जमात के संस्थापक मुहम्मद इलियास कंधलावी के परपोते हैं ।
मरकज में ठहरे 24 लोग कोरोना पॉजिटिव
गौरतलब है कि लॉकडाउन के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी मरकजके एक कार्यक्रम में 2000 लोग शामिल हुए थे, जिसने सरकार की सारी परेशानी बढ़ा दी है, इनमें से 334 को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और 700 को क्वारंटाइन केंद्र भेजा गया है। निजामुद्दीन स्थित मरकज में मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, किर्गिस्तान सहित 2,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने 1 से 15 मार्च तक तबलीगी जमात में हिस्सा लिया था, यहां से देश के अलग-अलग हिस्सों में गए लोगों में भी कोरोना के मामले सामने आए हैं, मरकज में ठहरे 24 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं।
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