नीतीश कुमार ने कभी नोटबंदी का किया था समर्थन, आज पूछ रहे हैं सवाल
पटना। मोदी सरकार अपने चार साल पूरे होने का जश्न मना रही है और नोटबंदी को बड़ी उपलब्धि के रूप में गिन रही है लेकिन उसके सहयोगी दल उससे इत्तफाक नहीं रखते हैं। नोटबंदी पर अब सवाल उठाए हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने, जिन्होंने इसको लेकर बड़ा सवाल किया है। कभी नोटबंदी का पुरजोर समर्थन करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी विफलता के लिए बैंकों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि बैंकों की भूमिका के कारण नोटबंदी का लाभ जितना लोगों को मिलना चाहिए था, उतना नहीं मिल पाया आखिर इसके पीछे कौन जिम्मेदार है।
बिहार के मुखिया ने कहा कि कुछ लोग अपने कैश को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में सफल रहे, बैंक छोटे लोगों से कर्ज तो वसूल लेते हैं लेकिन उन ताकतवर लोगों का क्या जो लोन लेकर गायब हो जाते हैं। यह आश्चर्यजनक है कि उच्च अधिकारी भी इससे बेखबर रहते हैं। बैंकिंग सिस्टम में रिफॉर्म की जरूरत है। मैं आलोचना नहीं कर रहा पर मैं चिंतित हूं क्योंकि इससे सीधे तौर पर जनता प्रभावित हो रही है।
बैंकों का काम सिर्फ जमा, निकासी और लोन देना ही नहीं
सीएम ने कहा कि बैंकों का काम सिर्फ जमा, निकासी और लोन देना ही नहीं रह गया है, बल्कि एक-एक योजना में बैंकों की भूमिका बढ़ गई है। बिहार के लोगों में कर्ज लेने की आदत ज्यादा नहीं है, जो लेना भी चाहते हैं, उसके बैंकों ने कड़े मापदंड तय कर रखे हैं। उसमें उन्हें काफी परेशानी होती है, ये गलत है, बैंक देश की प्रगति में अहम रोल निभाते हैं इसलिए उन्हें सजग होकर काम करने की जरूरत है।
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