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नीतीश के करीबी पीके चला रहे हैं बंगाल की सरकार! सहयोगी भाजपा क्यों हुई नाराज?

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पटना। क्या जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार चला रहे हैं ? जदयू में नीतीश के बाद नम्बर दो का ओहदा रखने वाले प्रशांत किशोर ने फिलहाल तृणमूल कांग्रेस को चुनावी जीत दिलाने का ठेका ले रखा है। 2021 में यहां विधानसभा चुनाव होना है। इस काम को लेकर वे कोलकाता में जमे हुए हैं। उन पर आरोप लगा है कि वे चुनावी प्रबंधन के नाम पर सरकारी अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं और उनसे कई तरह की सूचनाएं प्राप्त कर रहे हैं। भाजपा ने यह आरोप लगाया है कि प्रशांत किशोर चुनावी लाभ के लिए प्रशासन का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग किये जाने पर भाजपा ने जदयू नेता प्रशांत किशोर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा ने सवाल किया है कि प्रशांत किशोर किस हैसियत से अफसरों को निर्देश दे रहे हैं ? भाजपा जिस तरह से प्रशांत किशोर को मुद्दा बना रही है उसका असर बिहार में भी पड़ सकता है।

अधिकारियों के आदेश दे रहे हैं प्रशांत किशोर?

अधिकारियों के आदेश दे रहे हैं प्रशांत किशोर?

पश्चिम बंगाल के प्रमुख भाजपा नेता और राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने प्रशांत किशोर पर बहुत गंभीर आरोप लगाये हैं। उनका कहना है कि प्रशांत किशोर राज्य सरकार के अधिकारियों के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं। वे अफसरों पर उनका आदेश मानने के लिए दबाव बना रहे हैं। इसके प्रमाण में उन्होंने कई मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया। राहुल सिन्हा के मुताबिक, प्रशांत किशोर और उनकी टीम के लोग सरकारी कार्यालयों में जा रहे हैं, उनसे सूचनाएं ले रहे हैं और लोगों के फीडबैक के नाम पर वे अफसरों को क्या करें और क्या नहीं करें का आदेश भी दे रहे हैं। यह प्रशासनतंत्र का राजनीतिकरण है जो कि किसी भी हाल में मंजूर नहीं। प्रशांत किशोर बेशक किसी दल के लिए चुनावी रणनीति बना सकते हैं। इससे कोई एतराज नहीं। लेकिन वे अपनी कंपनी के राजनीतिक काम के लिए सरकारी मशीनरी का बेजा इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं ? हालांकि पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्यमंत्री पार्थो घोष ने भाजपा के इन आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने सफाई दी है कि सरकार के काम में कोई हस्तक्षेप नहीं है।

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प्रशांत किशोर पर ममता को भरोसा

प्रशांत किशोर पर ममता को भरोसा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रशांत किशोर की सलाह पर संजीदगी से अमल कर रही हैं। प्रशांत की सलाह पर ही ममता बनर्जी ने लोगों से जुड़ने और उनकी शिकायतों को सुनने के लिए एक वेबसाइट लॉन्च किया जिस पर हेल्पलाइन नम्बर भी दिया गया है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद ममता बनर्जी का आत्मविश्वास डगमगा गया है। जिस भाजपा की राज्य में कहने भर की मौजूदगी थी उसने 18 सीटें जीत लीं। मां, माटी, मानुष की बात करने वाली जुझारू नेता ममता 22 सीटों सिमट गयीं। दोनों दलो में केवल चार का अंतर रह गया। पार्टी की करारी हार और भाजपा की बढ़ती ताकत से घबरायी ममता, प्रशांत की पतवार कुछ ज्यादा ही भरोसा कर रही हैं। आमजन की ग्रासरूट राजनीति करने वाली ममता भी अब हाईटेक चुनावी प्रबंधन पर आश्रित हो गयी हैं। कहा जा रहा है कि ममता ने प्रशांत किशोर को पूरी छूट दे रखी है ताकि वे ठोकबजा कर जीत की रणनीति तैयार कर सकें। प्रशांत किशोर सटीक आंकड़ों को जुटाने के लिए सरकारी दफ्तरों की खाक छान रहे हैं। इन्ही आंकड़ों के विश्लेषण से वे तृणमूल के लिए आगे का रास्ता तैयार करेंगे। प्रशांत किशोर ने अफसरों और पार्टी कार्यकर्ताओं को जनता से मित्रवत होने की सलाह दी है।

अपनी शर्तों पर काम करते हैं प्रशांत किशोर

अपनी शर्तों पर काम करते हैं प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। सक्रिय राजनीति में आने के पहले वे चुनावी रणनीतिकार थे। चुनावी प्रबंधन के लिए वे एक संस्था चलाते हैं जिसका नाम है द इंडियन पोलिटिकल एक्शन कमेटी (आइ-पैक)। आइ-पैक कई दलों को चुनाव जिताने का ठेका ले चुकी है। इसी ठेका -पट्टा में प्रशांत किशोर की नीतीश कुमार से दोस्ती हुई थी। प्रशांत किशोर अभी पटना से डेरा-डंडा उखाड़ कर कोलकाता में शिफ्ट हो गये हैं। वहां ममता बनर्जी के लिए विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति बना रहे हैं। उनके काम करने का अपना तरीका है। उनके और पार्टी प्रमुख के बीच कोई तीसरा नहीं होता। वे अपने कामकाज की रिपोर्ट सीधे आलाकमान को देते हैं और आदेश भी भी सिर्फ उसी से लेते हैं। इस वजह से कई बार उन्हें घमंडी और महात्वाकांक्षी समझ लिया जाता है। रिसर्च मेथडोलॉजी के लिए जो भी जरूरी आंकड़े होते हैं, वे किसी भी कीमत पर उन्हें जुटा लेते हैं। प्रशांत किशोर के काम में अगर संबंधित पार्टी का कोई बड़ा नेता अडंगा डालता है तो वे उत्तर प्रदेश का उदाहरण जरूर बताते हैं।

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English summary
Nitish Kumar Prashant Kishor Mamata Banerjee West Bengal, Why BJP gets angry
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