चमकी बुखार से मौतों पर विधानसभा में क्या बोले सीएम नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे
पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर और दूसरे शहरों में एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) यानी चमकी बुखार से 150 से ज्यादा बच्चों की मौतों पर नीतीश कुमार ने सोमवार को विधानसभा में जवाब दिया है। बिहार सीएम नीतीश कुमार ने बच्चों की मौतों पर कहा कि वो एक्सपर्ट के साथ बैठकें कर चुके हैं लेकिन इस बीमारी की वजह अभी सामने नहीं आई है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस बीमारी से मौतों में कमी आने का दावा किया है।
चमकी बुखार पर अमेरिकी विशेषज्ञों की राय भी बंटी: नीतीश
नीतीश कुमार ने कहा, चमकी बुखार से मौतें दुर्भाग्यपूर्ण है। ये एक अत्यंत गंभीर मुद्दा है। 2015 में उन्होंने एम्स पटना में इस बीमारी को लेकर एक्सपर्ट से मीटिंग की थी। हमने कई बैठकें की हैं और इस मुद्दे पर चर्चा की। बीमारी की असली वजह अभी तक सामने नहीं आई है। विशेषज्ञ की राय प्राप्त करने के लिए एक रिपोर्ट अमेरिका को भेजी गई थी। विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है।
कुमार ने कहा कि चमकी बुखार से मौतों पर हमें सोचना होगा कि गरीब परिवार क्यों प्रभावित हुए हैं और हमें गरीब परिवार को गरीबी से बाहर लाने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा। मुझे इस बात की भी आशंका है कि इस साल हमें सूखे का सामना करना पड़ेगा, इससे मुश्किल हो सकती है।चमकी बुखार को लेकर जागरूकता अभियान की जरूरत है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, 28 जून तक 154 बच्चों की मौत
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने विधानसभा में जानकारी दी है कि 28 जून तक 158 बच्चों की मौत चमकी बुखार से हुई है। पांडे ने बताया, 28 जून तक 720 बच्चे चमकी बुखार की शिकायत के चलते अस्पतालों में भर्ती हुए। 586 बच्चे इलाज के बाद ठीक हो गए जबकि 154 बच्चों की मौत हो गई। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चमकी बुखार से मृत्यु दर 21 प्रतिशत घटी है। डाटा के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में एईएस के मृत्यु दर कम हुई है।
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चमकी बुखार पर विधानसभा में विपक्ष का विरोध
बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा किया। चमकी बुखार को लेकर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है।विधानसभा के बाहर भी विपक्षी नेता इस मामले पर प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाडें को अपनी नाकामी मानते हुए इस्तीफा देना चाहिए।
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