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नितिन गडकरी का इंटरव्यू- हमारी पार्टी ने किसी को राष्ट्र विरोधी नहीं कहा

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की गिनती बीजेपी के शीर्ष नेताओं में होती है और साथ ही उन्हें आरएसएस का भी क़रीबी माना जाता है.

भारत सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ज़िम्मेदारी उठाने वाले गडकरी लोकसभा चुनाव 2019 में नागपुर की संसदीय सीट के उम्मीदवार हैं.

By BBC News हिन्दी
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की गिनती बीजेपी के शीर्ष नेताओं में होती है और साथ ही उन्हें आरएसएस का भी क़रीबी माना जाता है.

भारत सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ज़िम्मेदारी उठाने वाले गडकरी लोकसभा चुनाव 2019 में नागपुर की संसदीय सीट के उम्मीदवार हैं.

वो बीजेपी के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. बीबीसी मराठी संवाददाता मयूरेश कोण्णुर ने तमाम राजनीतिक और पार्टी से जुड़े मुद्दों पर नीतिन गडकरी से बात की.

इंटरव्यू से कुछ देर पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया था. मोदी ने देश को संबोधित करते हुए यह ऐलान किया कि भारत अंतरिक्ष में एंटी-सैटेलाइट मिसाइल लॉन्च करने वाले देशों में शामिल हो गया है. अमरीका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा चौथा देश बन गया है जिसने यह क्षमता हासिल की है.

इसी घोषणा को केंद्र में रखते हुए नीतिन गडकरी से पूछा कि लोकसभा चुनाव नज़दीक हैं और ऐसे में इस तरह की घोषणाएं और देश को संबोधित करना, कहीं प्रधानमंत्री राजनीतिक फ़ायदे के लिए तो ऐसा नहीं कर रहे?

इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, "सबसे पहले तो यह समझना ज़रूरी है कि यह देश के संदर्भ में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. यह कोई तय बात नहीं थी. भारतीय वैज्ञानिकों ने जो अथक परिश्रम किया उसके आधार पर यह सफलता मिली. ऐसे में यह कहना कि इसका कोई राजनीतिक पहलू भी है, ग़लत है. प्रधानमंत्री ने सिर्फ़ इसका अभिनंदन किया है."

लेकिन फिर ये कहने के क्या मायने हैं कि देश अब सुरक्षित हाथों में है?

इस सवाल के जवाब में नितिन गडकरी ने कहा, "देश की सुरक्षा, वैज्ञानिक उपलब्धियों को किसी भी लिहाज़ से राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए."

लेकिन फिर पुलवामा हमले के बाद जो एयरस्ट्राइक हुई उसे भारत सरकार ने अपनी उपलब्धि क्यों कहा? क्यों ऐसा लगा कि बीजेपी इसका राजनीतिक फ़ायदा लेने की कोशिश कर रही है?

हालांकि गडकरी इस सवाल पर थोड़ा नाराज़ हो गए.

उन्होंने कहा कि "मीडिया से ख़ुद ऐसे सवाल आते हैं कि फ़ायदा हुआ-नहीं हुआ. मीडिया ख़ुद राजनीतिकरण कर रहा है और फिर जब कोई इसका जवाब दे देता है तो मीडिया उसे ग़लत तरीक़े से दिखाने लगता है."

नितिन गडकरी
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नितिन गडकरी

गडकरी ने कहा, "मुझे तो लगता है कि देश की सुरक्षा से जुड़े सवाल के साथ फ़ायदा शब्द जोड़ा ही नहीं जाना चाहिए. जब इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश के समय लड़ाई जीती तो किसी भी पार्टी ने सवाल नहीं किया बल्कि उनके साथ खड़े हुए. देश की सुरक्षा सर्वोपरि है."

हालांकि गडकरी ने यह ज़रूर कहा कि देश में ही कुछ नेता हैं जो पाकिस्तान के रेडियो और टीवी चैनल की तरह बातें कर रहे हैं, उन्हें यह सब करने से बाज आ जाना चाहिए.

अगर नरेंद्र मोदी पीएम नहीं तो क्या गडकरी हैं दावेदार?

पार्टी में यह गडकरी का क़द ही है जिसके चलते अक्सर इस बात को लेकर क़यास लगाए जाते हैं कि वह प्रधानमंत्री पद के लिए एक संभावित दावेदार हैं. लेकिन क्या वो ख़ुद ऐसा मानते हैं...?

यह सवाल इसलिए भी उठता रहा है क्योंकि विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों में हार का मुंह देखने वाली बीजेपी के गडकरी ने बयान दिया था कि हार-जीत दोनों की सहज ज़िम्मेदारी ली जानी चाहिए.

इसके बाद उनकी उम्मीदवारी को लेकर अटकलें और तेज़ हो गई थीं. हालांकि गडकरी ख़ुद ऐसी हर बात का खंडन करते हैं.

नरेंद्र मोदी
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नरेंद्र मोदी

नितिन गडकरी ने कहा, "मुझे नहीं पता इस तरह की बातें कहां से आती हैं. प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर मैं अपना पक्ष बहुत पहले ही स्प्ष्ट कर चुका हूं. मैं पार्टी का एक निष्ठावान कार्यकता-सैनिक हूं. इस तरह की कोई अभिलाषा नहीं है मुझमें. हां, मैंने यह ज़रूर कहा कि पार्टी 300 से ज़्यादा सीटें लेकर दोबारा सरकार बनाएगी और मोदी जी प्रधानमंत्री बनेंगे."

नितिन गडकरी यह पूरे दावे से कहते हैं कि बीजेपी को 300 से ज़्यादा सीटें मिलेंगी और पार्टी दोबारा सरकार बनाएगी. लेकिन बीजेपी के मौजूदा कार्यकाल को लेकर वो क्या सोचते हैं- चाहे वो रफ़ाल मामला हो, मॉब लिचिंग हो, नोटबंदी हो और सरकार पर लगे ढेरों आरोप हैं.

इस सवाल के जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि आरोप सिर्फ़ आरोप होते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने हमेशा मॉब लिंचिंग की घटनाओं को ग़लत कहा है.

किसानों की ख़ुदकुशी पर गडकरी ने कहा, "किसानों की मौत सालों से होती आ रही है. 60 साल तक केंद्र में राज करने वाली कांग्रेस ने कभी भी इस ओर ध्यान नहीं दिया और हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि इस समस्या पर काबू पाया जा सके लेकिन पांच साल के वक़्त में सब कुछ नहीं हो सकता."

नितिन गडकरी
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नितिन गडकरी

गडकरी का मानना है कि किसानों की मौत एक ऐसा प्रश्न है जो बीजेपी के कार्यकाल में पैदा नहीं हुआ है. ये बीते साठ सालों का परिणाम है.

लेकिन इस सरकार पर यह आरोप भी है कि लोकतंत्र होने के बावजूद मौजूदा सरकार सवाल पूछने का हक़ छीन रही है. कोई सवाल उठाता है तो उसे राष्ट्र विरोधी घोषित कर देती है. इस सवाल के जवाब में नितिन गडकरी ने कहा, "हमारी पार्टी ने आज तक किसी को एंटी-नेशनल नहीं कहा और न ही कहेंगे."

इस संदर्भ में नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर बीजेपी के नाम से जो लोग ग़लत प्रचार या बयानबाज़ी करते हैं वो पार्टी के लोग ही हैं ये मान लेना ग़लत है.

उन्होंने कहा, "'टीवी पर किसी को भी भगवा कपड़े पहनाकर बैठा देने से वो बीजेपी का नहीं हो जाएगा. बीजेपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और कोई भी उसका नाम लिख लेगा या उसका नाम लेकर कुछ करेगा तो उसके लिए पार्टी को कसुरवार बताना कहां तक जायज़ है."

नितिन गडकरी
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नितिन गडकरी

नितिन गडकरी का दावा है कि आने वाले लोकसभा चुनावों में बीजेपी 300 से ज़्यादा सीटें लेकर आएगी लेकिन उनका यह दावा कितना सच साबित हो पाता है ये तो 23 मई को ही पता चलेगा.

लेकिन एक बात उन्होंने ज़रूर स्पष्ट की है कि अगर बीजेपी बहुमत से जीतती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही होंगे.

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English summary
Nitin Gadkaris interview Our party has not called anyone a anti national
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