आरक्षण को लेकर अब गडकरी ने दिया बड़ा बयान, जानिए क्या कहा
आरक्षण को लेकर अब गडकरी ने दिया बड़ा बयान, कहा- अकेले आरक्षण से विकास नहीं होता
नई दिल्ली। जातिगत आरक्षण को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आरक्षण को लेकर बयान दिया है कि सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की प्रगति के लिए आरक्षण आवश्यक था, लेकिन अकेले आरक्षण उनके पूर्ण विकास को सुनिश्चित नहीं कर सकता। नितिन गडकरी सोमवार को महाराष्ट्र के नागपुर में महात्मा फुले शिक्षण संस्थान की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी समुदाय की प्रगति शिक्षा, सामाजिक और आर्थिक माध्यमों से होनी चाहिए।
'इस तरह की मांगें हर समुदाय से आना बहुत आम बात'
दरअसल, इस कार्यक्रम में अन्य पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखने वाले माली समुदाय के नेताओं ने अपने समाज के लोगों के लिए ज्यादा प्रतिनिधित्व और चुनावों में टिकट की मांग की। इसपर नितिन गडकरी ने कहा, 'इस तरह की मांगें हर समुदाय से आना बहुत आम बात है, आप लोगों को ऐसी बातों से ऊपर उठकर देखना चाहिए। मैंने निजी तौर पर अनुभव किया है कि भले ही सरकार में किसी समुदाय के सबसे ज्यादा मंत्री हों, लेकिन यह उनके लिए सामाजिक प्रगति की गारंटी नहीं है।'
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'क्या इंदिरा गांधी जाति के कारण सत्ता में आईं'
नितिन गडकरी ने कार्यक्रम में कहा, 'आरक्षण दिया जाना चाहिए, लेकिन उन लोगों को जो दलित है, शोषित हैं, पीडित हैं और सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं। जब लोग अपने कामों के आधार पर टिकट हासिल नहीं कर पाते हैं तो वे जाति कार्ड खेलते हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस किसी जाति के थे, वह किसी जाति से नहीं थे, वो एक ईसाई थे। क्या इंदिरा गांधी जाति के कारण सत्ता में आईं।' गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि राजनीति में जो अच्छा काम करते हैं, उन्हें वोट नहीं मांगने पड़ते, क्योंकि वोट स्वाभाविक रूप से उनके पास आते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिया उदाहरण
इस मौके पर नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की और कहा कि उन्होंने कभी अपनी जाति का नाम लेकर लाभ लेने की कोशिश नहीं की। नितिन गडकरी ने कहा, 'इसी तरह से वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज को क्या आरक्षण मिला था? राजनीति में ऐसे लोग हैं जो बड़े नेता बन गए हैं, लेकिन कोई भी उनकी जाति के बारे में बात नहीं करता है। इसलिए, हमें ऐसे नेताओं का निर्माण करना चाहिए जो देश और राज्यों का सफलतापूर्वक नेतृत्व कर सकें और समाज की आर्थिक स्थिति को बदल सकें।'
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