नितिन गडकरी ने बताया कैसे सितंबर के बाद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में आएगा उछाल
नई दिल्ली। पुरानी गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को खत्म करने के लिए मोदी सरकार ने महत्वकांक्षी स्क्रैपेज नीति को लागू करने का फैसला लिया था। इस नीति के तहत अपनी पुरानी गाड़ी देकर नई गाड़ी लेने में अधिक लाभ होगा। इस नीति से ना सिर्फ ग्राहकों को बल्कि ऑटोमोबाइल कंपनियों को भी फायदा होगा। लेकिन इस नीति में हो रही देरी को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि स्क्रैपेज नीति अपने आखिरी चरण में है और इस महीने के अंत में इसे मंजूरी मिल जाएगी।
नितिन गडकरी ने कहा कि स्क्रैपेज नीति अपने अंतिम चरण में है, ऑटो इंडस्ट्री को फिर से जीवित करने के लिए यह नीति काफी अहम है। इस नीति को लागू करने में हुई देरी के लिए मैं माफी मांगता हूं, लेकिन इस महीने के अंत तक यह नीति फाइनल हो सकती है है। हम इस नीति को शीर्ष अथॉरिटीज से पास कराकर जल्द से जल्द इसे लागू करेंगे। नितिन गडकरी ने यह बयान ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया यानि एक्मा के 60 एनुअल सेशन के दौरान दिया।
कोरोना संकट के चलते ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी के दौर से गुजर रहा है। कई कंपनियां घाटे में चल रही हैं, ऐसे में नई स्क्रैपेज नीति कंपनियों के लिए संजीवनी का काम कर सकती है। इस नीति के लागू होने से जो पुरानी गाड़ियां प्रदूषण फैलाती हैं, उसे रोकने में मदद मिलेगी। एक रिपोर्ट के अनुसार नई स्क्रैपेज नीति से सरकार को हर वर्ष 9600 करोड़ रुपए का लाभ होगा, अगले पांच वर्षों में 41900 करोड़ रुपए का लाभ होगा। वहीं पुरानी गाड़ी के मालिकों को नई गाड़ी खरीदते समय भी इसका लाभ होगा। वाहन मालिकों को जीएसटी में 3600 करोड़ रुपए की छूट मिलने की उम्मीद है।