नितिन गडकरी ने अपने बयानों पर दी सफाई, कहा- मैं PM पद की रेस में नहीं हूं
नई दिल्ली। पिछले दिनों अपने बयान के कारण चर्चा में रहे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को एक कार्यक्रम में अपने कई बयानों पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि मेरे बयानों का गलत मतलब निकालने का काम किया जा रहा है। मैंने जो नहीं कहा उसे कोट किया गया। उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की तारीफ किये जाने पर कहा कि सभी को मेरे पूरे भाषण को सुनना चाहिए और उसके बाद मेरे बयान का मतलब निकालना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि क्या आप पीएम की रेस में हैं ? तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मैं प्रधानमंत्री की रेस में नहीं हूं।
अपने पूर्व में दिए गए बयानों पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि, मैं पीएम पद की रेस में नहीं हूं। मेरे बयानों का गलत मतलब निकाला जा रहा है। सरकार ने जो काम किए हैं, उनके बारे में बात होनी चाहिए। गडकरी ने कहा कि मैं जहां हूं, वहीं खुश हूं। मुझे गंगा की सफाई की जिम्मेदारी मिली है। यह काम अभी पूरी तरह भले नहीं हुआ, लेकिन काम तो हुआ है। गंगा नदी पहले के अपेक्षा स्वच्छ हुई है। हालांकि, अभी काफी काम होना बाकी है। गरीबों के घर में बिजली आई है।
जवाहर लाल नेहरू की तारीफ करते हुए गडकरी ने कहा कि, वे अच्छे लेखक थे। मैंने उनकी किताबें पढ़ी है। उनकी विचारधारा अलग है। उनका विकास मॉडल अलग है। हमारा अलग है। पंडित नेहरू की हर बात अलग नहीं हो सकती है। अच्छी बातों को लेना चाहिए। जो पसंद नहीं है उसको आगे नहीं बढ़ाना चाहिए। गडकरी से जब राहुल गांधी से दोस्ती के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राजनीति में विचारों की भिन्नता है, मनभेद नहीं होना चाहिए। मेरी ना किसी से दोस्ती है ना दुश्मनी है।
भाजपा नेताओं द्वारा राहुल गांधी पर व्यक्तिगत हमले किए जाने के सवाल कर गडकरी ने कहा कि, वो भी कहते हैं 'देश का प्रधानमंत्री चोर है'। ये कहना भी सही नहीं है। सब लोग मिलकर राजनीति का स्तर खराब कर रहे हैं। माल्या को सम्मान देने के सवाल पर गडकरी ने कहा, मैंने विजय माल्या की तारीफ कभी नहीं की। मैं बैंकिंग सिस्टम और व्यवस्था के बारे में बात कर रहा था। मुझे चिंता है कि मीडिया में इस तरह का चलन गलत है। अयोध्या में राम मंदिर के सवाल पर गडकरी ने कहा कि देश के करोड़ों लोगों की इच्छा है कि जहां राम का जन्म हुआ है वहां मंदिर निर्माण हो।
राहुल-अखिलेश नहीं, ये तीन महिलाएं मोदी को कर सकती हैं सत्ता से दूर!