प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर नितिन गडकरी ने दिया अहम बयान
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने खुद के प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर अहम बयान दिया है। गडकरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री पद की रेस में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में विकास कर रहा है और आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम हैं और वह चुनाव के बाद भी पीएम रहेंगे। मैं आरएसएस का आदमी हूं, देश की सेवा हमारा कर्तव्य है। हम सभी लोग पीएम मोदी के पीछे हैं। उनके विजन को आगे बढ़ाने में मैं भी एक कार्यकर्ता हूं, ऐसे में मेरे पीएम बनने का सवाल कहां से आता है।
गंगा का बहाव बढ़ा
क्लीन गंगा प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मोदी सरकार के दौरान गंगाजी के पानी का बहाव बढ़ गया है। आज से 13 महीने के भीतर गंगा पूरी तरह से साफ हो जाएगी। साथ ही गडकरी ने नौकरी को लेकर उनके बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनके बयान को मीडिया में गलत तरीके से दिखाया गया, मेरा कहने का मतलब था कि कंप्यूटरीकरण होने के बाद रोजगार कम हुए हैं। अगस्त 2018 में जिस तरह से नौकरी में मराठाओं को आरक्षण देने की बात कही गई थी उसपर गडकरी ने कहा था कि देश में रोजगार कम होने के दौर में आरक्षण देने से कोई फर्क नहीं पड़ेंगा।
नौकरी पर दिया ये बयान
गडकरी ने कहा कि मान लीजिए अगर आरक्षण दिया जाता है, लेकिन जब नौकरी ही ना हो तो इसका क्या मतलब। आईटी की वजह से बैंकों में नौकरी कम हुई है। सरकारी भर्ती की प्रक्रिया रुक गई है, आखिर नौकरी कहां हैं। यही नहीं गडकरी ने कहा कि अच्छे दिन को लेकर मेरे बयान को गलत तरह से दिखाया या। उन्होंने कहा कि सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए जाते हैं जनता उनकी पिटाई भी करती है।
बयान पर सफाई
गडकरी ने आगे कहा कि इसलिए सपने वही दिखाओ जो पूरे हो सकें। मैं सपने दिखाने वाले में से नहीं हूं। मैं जो बोलता हूं वो 100 फीसदी डंके की चोट पर पूरा होता है। गडकरी के इसी बयान को पीएम मोदी के खिलाफ देखा गया और माना जा रहा था कि उन्होंने पीएम मोदी के अच्छे दिन के दावे पर तंज कसा है। अपने इस बयान पर सफाई देते हुए गडकरी ने कहा कि मेरे बयान को गलत तरह से पेश किया गया और कुछ लोगों ने इसे हेडलाइन बना दिया, आखिरम मेरे कंधे से बंदूक क्यों चलाई गई, मैं सीधे तौर पर अपनी बात रखता हूं, जो मुझे कहना था मैंने कहा। लेकिन मैं मीडिया को दोष नहीं देता हूं, यह आपके काम का हिस्सा है, मुझे कोई दिक्कत नहीं है।
100 फीसदी समाधान नहीं हो सकता
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसी भी समस्या का 100 फीसदी समाधान नहीं हो सकता है, समाधान तभी होता है जब इसके लिए कदम उठाते हैं, हम कभी भी अपने काम से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होगा। अच्छे दिन हर किसी के लिए एक जैसा नहीं है।
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