E-रिक्शा पर नितिन गडकरी की सफाई, जनहित में लाई गई है योजना
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नई सरकार में केंद्रीय मोटर वाहन (सीएमवी) एक्ट में संशोधन के जरिए ऐसे वाहनों का प्रावधान खत्म कर दिया। अब खबर है कि पूर्ति ग्रुप से ही इस योजना का क्रियान्वयन होना है जिसके अध्यक्ष 2011 में नितिन गडकरी थे। मामले में आरोप लग रहे हैं कि गडकरी ने अपने रिश्तेदार के हवाले चल रही पूर्ति कंपनी को फायदा पहुंचाया है। हालांकि उन्हेांने इस तरह के आरोपों पर सफई देते हुए कहा है कि किसी भी तरह के हित इस योजना से नहीं जुड़े हैं।
कंपनी का पंजीकरण 2011 में किया गया था और परिषद ने 2012 में इसे लाइसेंस दिया। 2011 तक गडकरी पूर्ति समूह के चेरमैन थे। विभाग ने पहले ढाई सौ वाट से कम क्षमता वाले ई-रिक्शा को छोड़कर बाकी पर कार्रवाई की बात की थी लेकिन बाद में ई-रिक्शा का ही प्रावधान ही खत्म कर दिया गया। हालांकि मामले पर विपक्षियों ने सिर्फ आरोप भर लगाया है। मसले पर नितिन गडकरी ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।