'वर्ष 2017-18 में 70 लाख लोगों को रोजगार मिला'
नई दिल्ली। एक तरफ जहां तमाम विपक्षी दल बेरोजगारी को लेकर केंद्र सरकार को घेरने में लगे हैं तो दूसरी तरफ नीति आयोग के उपाअध्यक्ष राजीव कुमार ने दावा किया है कि 2017-18 में 70 नए रोजगार का सृजन किया गया है। जिस तरह से विपक्ष ने आरोप लगाया है कि मौजूदा सरकार रोजगार रहित विकास कर रही है, उसे नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने खारिज किया है। यही नहीं राजीव कुमा का कहना है कि ट्रांसफोर्ट वाहनों की बिक्री में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।
ईपीएफओ के आंकड़े
राजीव कुमार ने कहा कि जिस तरह से बड़ी संख्या में मुद्रा लोन का वितरण किया गया, उसके बाद ईपीएफओ के आंकड़े इस बात की ओर साफ इशारा करते हैं कि रोजगार और स्वरोजगार सृजन के पर्याप्त अवसर पिछले चार साल में एनडीए सरकार के कार्यकाल में दिए गए हैं। गौर करने वाली बात है कि हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने वायदा किया था कि वह हर साल दो करोड़ रोजगार का सृजन करेगी, जोकि एख मजाक साबित हुआ है।
मनमनोहन सिंह के दावे को किया खारिज
राजीव कुमार ने कहा कि मैं पूरे सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रोजगार सृजन के आंकड़ों को सामने नहीं रखा था। मुझे लगता है कि यह आरोप निराधार है, मुझे लगता है कि आने वाले समय में और भी अधिक रोजगार सृजन के लिए चर्चा होने चाहिए। पिछले कुछ समय में ट्रक, तिपहिया वाहनों की, ऑटो रिक्शा की उत्पादन में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कुमार ने कहा कि ईपीएफओ के आंकडों के अनुसार 2017-18 में 70 लाख रोजगार का सृजन किया गया है।
दिया यह तर्क
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि अगर अगर देश में बेरोजगारी बढ़ रही थी तो शहर और गांव में किराए में भी कमी आनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसे में इस बात का क्या आधार है कि देश में रोजगार रहित विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस दावे के पीछे नकारात्मक राजनीति है और यह आर्थिक सच्चाई को सामने नहीं रखती है। उन्होंने कहा कि हमने किसानों की एमएसपी को काफी ज्यादा बढ़ाया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था काफी बेहतर है और किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है।
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