क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

न्याय की आलोचना को लेकर घिरे नीति आयोग के वीसी राजीव कुमार, चुनाव आयोग को दिया ये जवाब

Google Oneindia News

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह से कांग्रेस न्याय योजना लेकर आई और हर गरीब को 72000 रुपए सालाना देने की घोषणा की उसके बाद कांग्रेस का यह ऐलान चर्चा का विषय बन गया। नीति आयोग के वीसी राजीव कुमार ने भी न्याय योजना पर सवाल खड़ा किया था। उन्होंने इस योजना की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कह सकती है। उन्होंने कहा था कि इस योजना की वजह से राजकोषीय घाटा 3.5 फीसदी से बढ़कर 6 फीसदी तक पहुंच जाएगा। राजीव कुमार के इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने उनको नोटिस भेजा था, जिसके बाद उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए चुनाव आयोग को जवाब दिया है।

चुनाव आयोग ने मांगा था जवाब

चुनाव आयोग ने मांगा था जवाब

राजीव कुमार के इस बयान पर चुनाव आयोग ने उससे जवाब मांगा था। चुनाव आयोग को दिए अपने जवाब में राजीव कुमार ने कहा कि उन्होंने यह बयान व्यक्तिगत हैसियत से दिया है नाकि नीति आयोग के वीसी की हैसियत से। उन्होंने कहा कि मैंने यह बयान बतौर अर्थशास्त्री दिया। लिहाजा कांग्रेस के ऐलान पर मेरे बयान को नीति आयोग के बयान के तौर पर नहीं देखना चाहिए। गौर करने वाली बात है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब गरीबों को न्यूनतम आय की घोषणा की थी तो राजीव कुमार ने यह बयान दिया था।

इसे भी पढ़ें- भाजपा नेता का विवादित बयान, स्कर्ट वाली बाई साड़ी पहनकर मंदिर में शीश लगाने लगीइसे भी पढ़ें- भाजपा नेता का विवादित बयान, स्कर्ट वाली बाई साड़ी पहनकर मंदिर में शीश लगाने लगी

 मोंटेक सिंह आहलूवालिया का दिया जवाब

मोंटेक सिंह आहलूवालिया का दिया जवाब

अपने बयान के बचाव में राजीव कुमार ने मोंटेक सिंह आहलूवालिया के बयान का भी हवाला दिया है। राजीव कुमार ने कहा कि आहलूवालिया ने ने भी योजना आयोग के डेप्युटी चेयरमैन के तौर पर गुजरात मॉडल पर वर्ष 2014 में सवाल खड़ा किया था। उस वक्त अप्रैल माह में आहलूवालिया ने बयान दिया था, जब चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू थी। बता दें कि नीति आयोग के वीसी ने कांग्रेस की न्याय योजना को सिरे से खारिज कर दिया था।

आचार संहिता का उल्लंघन

आचार संहिता का उल्लंघन

गौरतलब है आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी संस्था का इस्तेमाल कोई भी राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए नहीं कर सकता है। राजीव कुमार सरकारी संस्था नीति आयोग के वीसी हैं, लिहाजा जिस तरह से उन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष के ऐलान की आलोचना की थी, उसके बाद चुनाव आयोग ने उनसे जवाब मांगा था। उन्हें 29 मार्च तक जवाब देना था, लेकिन राजीव कुमार ने अतिरिक्त समय की मांग की थी, जिसके बाद इस समय सीमा को 2 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया गया था।

इसे भी पढ़ें- आप के साथ गठबंधन ना होने से नाराज दिग्गज कांग्रेस नेता ने किया चुनाव लड़ने से इनकारइसे भी पढ़ें- आप के साथ गठबंधन ना होने से नाराज दिग्गज कांग्रेस नेता ने किया चुनाव लड़ने से इनकार

Comments
English summary
NITI Ayog VC Rajiv Kumar responds to Election commission on his statement over NYAY.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X