नीति आयोग का सुझाव, शराब और तंबाकू हो महंगा, स्कूल में योग को दिया जाए बढ़ावा
नई दिल्ली। नीति आयोग ने तंबाकू उत्पाद, शराब और कोल्ड ड्रिंक्स को महंगा करने का सुझाव दिया है। साथ ही आयोग की तरफ से सुझाव दिया गया है कि स्कूलों में योग को बढ़ावा देना चाहिए और इसे रोजाना स्कूल में बच्चों से करवाना चाहिए, जिससे कि उनके भीतर अच्छी आदतों का विकास किया जा सके। बुधवार को आयोग की ओर से स्ट्रैटेजी फॉर न्यू इंडिया एट 75 जारी किया गया जिसमे नीति आयोग ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश को बढ़ाना चाहिए। साथ ही सुझाव दिया है कि इस क्षेत्र में जीडीपी का 2.5 फीसदी व्यय करना चाहिए। लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आयोग से इस बात का भी सुझाव दिया है कि गांव में सफाई और हर दिन के पोषण पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है।
पौष्टिक आहार अहम
नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर गांव में लोगों के हर दिन के आहार पर ध्यान दिया जाए तो स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं कम हो सकती है। आयोग ने कहा कि सिर्फ बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान रखने की बजाए हर वर्ग के आहार और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। स्कूल, कॉलेज, महिला संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों, मेला आदि के जरिए जागरुकता फैलाने की जरूरत है। साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच स्वास्थ्य को लेकर जानकारी देनी चाहिए। साथ ही राज्य सरकार द्वारा हर एक ऐसा ग्रुप तैयार करना चाहिए जोकि प्रदेश, जिला, ब्लॉक स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य को लेकर जागरूक करे।
व्यय बढ़ाया जाए
आयोग की ओर से कहा गया है कि भारत में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपेक्षित तौर पर ध्यान नहीं दिया गया है। लोगों को बीमारियों के बारे में जागरूक करना, इससे बचने के लिए सुझाव देने पर खास ध्यान नहीं दिया गया। मौजूदा समय में स्वास्थ्य के लिए जागरूक करने के क्षेत्र में अलग-अलग कुल 6.7 फीसदी ही व्यय किया जाता है। वहीं लोगों के इलाज पर 51 फीसदी व्यय किया जाता है, जबकि बाकी का पैसा दवाओं, अन्य मेडिकल सामान और मरीजों को ले जाने में व्यय किया जाता है।
विशेष ध्यान देने की जरूरत
रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए जागरुक करने का काम अप्रशिक्षित लोगों पर नहीं छोड़ा जा सकता है, इसके लिए एक विशेष संस्था के गठन की जरूरत है जोकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए जागरूक करे। इसके साथ ही आयोग ने मेडिकल, नर्सिंग, दवाओं आदि की शिक्षा में भी विशेष रुप से सुधार की बात कही है। डॉक्टरों की संख्या में इजाफा करने, नॉन फिजिशियन ट्रेनिंग, प्राइवेट सेक्टर को इस क्षेत्र में शामिल करने और उन्हें बढ़ावा देने पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
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