GOOD NEWS: दिल्ली-एनसीआर के शहरों को कोरोना वैक्सीन देने के लिए प्लान बनाने को कहा गया
नई दिल्ली। देश-दुनिया में फैले कोरोना वायरस महामारी से निजात पाने के लिए हर किसी को बड़ी बेसब्री से कोरोना वैक्सीन का इंतजार है। फिलहाल दुनिया के 30 से अधिक देश वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर टीके अभी ह्यूमन ट्रायल (मानव परीक्षण) के दौर में हैं। इस बीच भारत में किसी सबसे पहले कोरोना वैक्सीन दिया जाएगा, इसको लेकर अभी से रणनीति तैयार की जाने लगी है। बुधवार को केंद्र सरकार के थिंक टैंक केंद्रीय संस्थान नीति आयोग ने दिल्ली-एनसीआर के शहरों को कोरोना वैक्सीन देने के लिए प्लान बनाने को कहा है।
देश में 3 कंपनियां वैक्सीन की दौड़ में शामिल
गौरतलब है कि भारत में टेस्ट की जा रही कोरोना वैक्सीन अभी ह्यूमन ट्रायल फेज में है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने जानकारी दी है कि अगले साल यानी 2021 के पहली तिमाही में वैक्सीन के बाजार में आने के की उम्मीद है। देश में 3 कंपनियां वैक्सीन की दौड़ में शामिल है। इसी क्रम में अब कोरोना वैक्सीन किसे पहले लगानी है और किसको इसकी अधिक जरूरत है, इसका एक डाटा तैयार करने को कहा गया है।
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दिल्ली-NCR में मिलेगी वैक्सीन
नीती आयोग ने बुधवार को दिल्ली के अलावा गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, फरीदाबाद और रोहतक के एनसीआर जिलों से कहा कि अगर निकट भविष्य में कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन उपलब्ध होती है तो उसके इस्तेमाल के लिए रणनीति तैयार की जाए। इसके अलावा नीती आयोग ने स्थानीय प्रशासन से शहर में रहने वाली जनसंख्या, बुनियादी ढांचे, धन और अन्य आवश्यकताओं पर एक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
किसे पहले दिया जाएगा वैक्सीन
30 सितंबर को नीती अयोग सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) और जिला प्रतिरक्षण अधिकारियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई एक बैठक में कहा गया कि देश में तीन कंपनियां कोविड-19 वैक्सीन पर काम कर रही हैं, इनमें से एक को साल के अंत तक केंद्र द्वारा अनुमति मिलने की उम्मीद है। बैठक में अधिकारियों को वरिष्ठ नागरिकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और कई अन्य श्रेणियों में लोगों को विभाजित करने की जिम्मेदारी दी गई है जिन्हें सबसे पहले टीका दिया जाना जरूरी है।
तीन महीने में दो बार लगाया जाएगा टीका
नीती अयोग ने संबंधित अधिकारियों को राज्य के अधिकारियों के परामर्श से एक रणनीति तैयार करने और अगली बैठक में आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया है। बैठक में डॉ. पॉल ने अधिकारियों को बताया कि एक महीने के अंतराल में किसी व्यक्ति को कोरोना की वैक्सीन इंट्रामस्क्युलर तरीके से दो बार लगाई जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बुजुर्गों में अगर मृत्यु दर (सीएफआर) अधिक है, तो सरकार पहले दौर में 50 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण कर सकती है।
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