निर्मला सीतारमण ने बताया- पिछले 6 सालों में कितने मुस्लिम शरणार्थियों को मिली भारत की नागरिकता
चेन्नई। नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) के लेकर केंद्र सरकार चौतरफा प्रदर्शनों से घिरी हुई है। पुरुष-महिला और युवा सीएए के विरोध में सड़कों पर हैं और लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। सीएए को लेकर देश दो गुटों में बंटा हुआ है, एक तबका इसके विरोध में हैं तो वहीं, दूसरा कानून के समर्थन में। सीएए विरोधियों को समझाने के लिए अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगे आई हैं। चेन्नई के एक कार्यक्रम में उन्होंने सीएए पर बात की।
हम नागरिकता छीन नहीं रहे बल्कि दे रहे हैं: सीतारमण
चेन्नई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम किसी की नागरिकता छीन नहीं रहे बल्कि प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम लोगों को बेहतर जीवन प्रदान करने का एक प्रयास है। हम किसी की नागरिकता नहीं छीन रहे हैं, बल्कि हम लोगों को नागरिकता प्रदान कर रहे हैं। गौरतलब है कि सीएए और एनआरसी के एक साथ आने से लोग डरे हुए हैं। उन्हें लगता है कि इस कानून से उनकी नागरिकता को खतरा है।
FM in Chennai: 391 Afghanistani Muslims & 1595 Pakistani migrants were given citizenship from '16 to '18. It was during this period in '16, that Adnan Sami was given citizenship, it's an example. Taslima Nasreen is another example. This proves all allegations against us are wrong https://t.co/e2YkAmlsTo
— ANI (@ANI) January 19, 2020
4,00,000 से अधिक तमिलों को मिली भारतीय नागरिकता
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, पिछले वर्ष में 2838 पाकिस्तानी शरणार्थियों, 948 अफगानी शरणार्थियों, 172 बांग्लादेशी शरणार्थियों को नागरिकता दी गई, वहीं 1964 से 2008 तक श्रीलंका से आए 4,00,000 से अधिक तमिलों को भारतीय नागरिकता दी गई है। सीतारमण आगे कहती हैं कि पिछले वर्ष में 2838 पाकिस्तानी शरणार्थियों, 948 अफगानी शरणार्थियों, 172 बांग्लादेशी शरणार्थियों को नागरिकता दी गई, 1964 से 2008 तक 4,00,000 से अधिक तमिलों (श्रीलंका से) को भारतीय नागरिकता दी गई है।
अदनान सामी को दी नागरिकता
वित्त मंत्री ने बताया कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के 566 मुसलमानों को 2014 तक भारतीय नागरिकता दी गई थी। 2016 से 2018 तक 391 अफगानी मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता दी गई थी। उन्होंने गायक अदनान सामी का उदाहरण देते हुए कहा कि साल 2016 की अवधि के दौरान ही अदनान सामी को नागरिकता दी गई थी। उनके अलावा तस्लीमा नसरीन इसका एक और उदाहरण हैं। ऐसे उदाहरणों से साबित होता है कि हमारे उपर लगे सभी आरोप गलत हैं।
यह भी पढ़ें: CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची केरल सरकार तो भड़के राज्यपाल, मांगी सफाई: सूत्र